सैलरी के फेर में फंसा टोल फ्री नंबर

By: Jan 10th, 2018 12:16 am

पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड के प्रोपोजल को सरकार ने किया खारिज

हमीरपुर— पूर्व सैनिक कल्याण बोर्ड की टोल फ्री नंबर सुविधा अधर में लटक गई है। टोल फ्री सुविधा के लिए यहां तैनात किए जाने वाले कर्मचारियों के वेतन को लेकर बोर्ड व प्रदेश सरकार उलझ गई है। सैनिक बोर्ड द्वारा भेजी गई कर्मचारियों के वेतन की प्रोपोजल को राज्य सरकार ने खारिज कर दिया है। इसमें कहा गया है कि बोर्ड द्वारा तय किया गया वेतन अधिक है। प्रदेश सरकार ने संशोधित करने के बाद प्रोपोजल भेजने को कहा है। वहीं बोर्ड की मानें, तो तय किया गया वेतन सही था। अगर आउटसोर्स से भी कर्मचारी रखे जाते हैं, तो उनको भी करीब इतना ही वेतन देना होगा। फिलहाल वेतन के चक्कर में टोल फ्री की सुविधा का इंतजार बढ़ गया है। टोल फ्री सुविधा को प्रदेश सरकार से अभी तक फाइनल मंजूरी नहीं मिल पाई है। जाहिर है कि पूर्व सैनिक कल्याण निदेशालय ने पूर्व सैनिकों को सुविधा देने के लिए टोल फ्री की सुविधा का प्लान तैयार किया है। महीनों पहले इसकी प्रोपोजल बनाकर प्रदेश सरकार को भेजी गई थी। विभाग की मानें तो टोल फ्री नंबर के साथ ही यहां कम्प्यूटर का भी प्रावधान किया जाएगा। इसके साथ ही दो आपरेटर भी तैनात होंगे। इस तरह किसी भी समस्या संबंधी सुझाव टोल फ्री नंबरों पर पूर्व सैनिकों को मिल जाएंगे। इसके लिए बीएसएनएल से भी संपर्क स्थापित किया गया है। पहले बीएसएनएल के रेट के फेर में कार्य अटका रहा। अब मामला यहां तैनात होने वाले कर्मचारियों के वेतन में फंस गया है। हालांकि इन्हें आर एंड आर फंड से सैलरी का प्रावधान किया जाएगा। अब टोल फ्री नंबर को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है।


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