शिवालिक का मतलब है शिव की अलका यानी जटाएं
शिवालिक का नाम ही भगवान शिवजी से जुड़ा है। शिवालिक का अर्थ है शिव की अलका यानी शिव की जटाएं इसका पुराना नाम मैनाक पर्वत था। इसकी समुद्रतल से मुख्य ऊंचाई 350 मीटर से 1500 मीटर तक है…
गतांक से आगे…
पर्वत शृंखलाएं
हिमाचल प्रदेश में मनलुभावनी और आकर्षित करने वाली अनेक पर्वत शृृंखलाएं अनेक चोटियां व घाटियां हैं। इन सभी को अपनी भौगोलिक, ऐतिहासिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विशेषताएं हैं। हिमाचल प्रदेश को समझने के लिए इन शृंखलाओं को समझना आवश्यक है। हिमाचल प्रदेश में निम्न प्रमुख पर्वत शृृंखलाएं हैं।
शिवालिक या लघु हिमालयः शिवालिक का नाम ही भगवान शिवजी से जुड़ा है। शिवालिक का अर्थ है शिव की अलका यानी शिव की जटाएं इसका पुराना नाम मैनाक पर्वत था। इसकी समुद्रतल से मुख्य ऊंचाई 350 मीटर से 1500 मीटर तक है। इस शृंखला में सिरमौर, बिलासपुर, हमीरपुर और मंडी जिला के निचले क्षेत्र, नाहन, चंबा, ऊना व कांगड़ा जिला के निचले भाग पड़ते हैं। इस क्षेत्र में औसतन वार्षिक वर्षा 1500 मिलीमीटर से 1800 मिलीटर तक होती है। इस क्षेत्र में सुप्रसिद्ध स्थल हैं। पौंटा घाटी नाहन तहसील, मंडी जिला का जोगिद्रंनगर कस्बा, कांगड़ा जिला का कांगड़ा क्षेत्र, नूरपुर, देहरा, ज्वाली तथा पालमपुर तहसील, चंबा जिला का डलहौजी, भटियात, चुराह तथा चंबा तहसील शिवालिक क्षेत्र की मिट्टी सरकरी तथा शीघ्र टूटने वाले कणों से बनी है, जिसके कारण भूमि कटाव की अधिकता पाई जाती है। इस क्षेत्र में कई सारे छोटे-छोटे नाले हैं। जिन्हे चो या खड्डे कहते हैं।
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