आठ महीने में तैयार करो सभी एनएच की डीपीआर

By: Feb 10th, 2018 12:11 am

केंद्र ने हिमाचल को दिए निर्देश, सभी राष्ट्रीय राजमार्गों को हरी झंडी

हमीरपुर— हिमाचल के सभी नेशनल हाई-वे घोषित सड़क मार्गों को केंद्र से हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय सड़क मंत्रालय ने प्रदेश के 61 एनएच की डीपीआर के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिए हैं। इसी के साथ मंत्रालय ने हिमाचल सरकार को कड़ी हिदायत दी है कि सभी सड़क मार्गों की डीपीआर आठ माह के भीतर तैयार की जाए। कंसल्टेंट के एग्रीमेंट में भी मंत्रालय ने यह कड़ी शर्त लगा दी है। कंसल्टेंट को प्रति किलोमीटर डीपीआर बनाने के पांच लाख रुपए देने का प्रावधान किया है। इसके लिए केंद्र ने 228 करोड़ की राशि भी राज्य को जारी कर दी है। मंत्रालय ने मंजूरी पत्र में कंडीशन लगाते हुए कहा है कि आठ माह के भीतर डीपीआर का निर्माण पूरा करने पर ही कंसल्टेंट को फुल एंड फाइनल पेमेंट जारी होगी। मिनिस्ट्री से राज्य को जारी इस चिट्ठी से यह स्पष्ट हो गया है कि लोकसभा चुनावों से पहले हिमाचल के सभी नेशनल हाई-वे की डीपीआर तैयार हो जाएगी।  इस आधार पर कुछ महत्त्वपूर्ण नेशनल हाई-वे सड़क मार्गों का निर्माण कार्य भी शुरू हो जाएगा। गौर हो कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने डेढ़ साल पहले अपने हिमाचल प्रवास में राज्य के लिए 61 नए नेशनल हाई-वे घोषित किए थे। कुछ समय बाद इन मार्गों के निर्माण के लिए सैद्धांतिक मंजूरी भी प्रदान कर दी थी। चूंकि राज्य में वीरभद्र सरकार सत्तासीन थी, इसके चलते तब सरकार ने इस मुहिम को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। इसके अलावा केंद्रीय मंत्रालय ने भी सैद्धांतिक मंजूरी वाले सड़क मार्गों की डीपीआर बनाने के लिए स्वीकृति देने में जानबूझकर लेट लतीफी की है। अब राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा की जयराम सरकार आ चुकी है। लिहाजा राज बदलने के तुरंत बाद केंद्रीय मंत्रालय ने एक के बाद एक, सड़क परियोजनाआें को हरी झंडी दिखानी शुरू कर दी है। पिछले डेढ़ माह में चार दर्जन से ज्यादा सड़क परियोजनाआें के कंसल्टेंट नियुक्त किए गए हैं। बताते चलें कि सैद्धांतिक मंजूरी के बाद केंद्रीय मंत्रालय ने नेशनल हाई-वे घोषित सड़क मार्गों की डीपीआर बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया आरंभ की थी। कंसल्टेंट नियुक्त करने के लिए कई बार कॉल टेंडर करने पड़े हैं। इस आधार पर फाइनल अप्रूवल केंद्रीय मंत्रालय को देनी थी। अलबत्ता अब हिमाचल के सभी नेशनल हाई-वे की डीपीआर बनाने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिए गए हैं। इस आधार पर दिसंबर, 2018 से पहले सभी एनएच सड़क परियोजनाआें की डीपीआर तैयार करने का लक्ष्य तय है। जाहिर है कि वर्ष 2019 में लोकसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की भाजपा सरकार प्रदेश की चारों लोकसभा सीटें जीतने का टारगेट फोक्स कर रही है। इसी कड़ी में नेशनल हाई-वे सड़क मार्गों के निर्माण कार्य की आधारशिला रखे जाने की योजना है।


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