आवाज उठाने पर बच्चे गायब करने की धमकी

By: Feb 24th, 2018 12:01 am

कुल्लू के स्कूल में जातीय भेदभाव मामले में वायरल हुआ एक और वीडियो…छात्रों के बयान दर्ज

कुल्लू – जिला कुल्लू के स्कूल के जातीय भेदभाव मामले में वायरल हुए एक और वीडियो से मामले में नया मोड़ आ गया है। वायरल वीडियो में जाति विशेष के बच्चों ने कहा कि उन्हें धमकी दी जा रही है कि उन्हें मामले को तूल देने पर गायब किया जाएगा। अब जिन लोगों ने बच्चों को ऐसी धमकी दी है, वे लोग भी नप सकते हैं। शिक्षा विभाग ने शुक्रवार को मौके पर जाकर बच्चों के बयान कलमबद किए हैं। अब शिक्षा विभाग इसकी विस्तृत रिपोर्ट बनाने में जुटा गया और विभाग यह रिपोर्ट उपायुक्त के साथ-साथ निदेशालय और पुलिस में देगा। कुल्लू पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है। डरे-सहमे बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को धमकी देने वाले लोगों से डर पैदा हो गया है। हर दिन कई टीम स्कूल का निरीक्षण कर रही है। शुक्रवार को भी दो टीमों ने स्कूल का दौरा किया। पहले शिक्षा विभाग की टीम मौके पर पहुंची और सबसे पहले वायरल हुई वीडियो पर जांच की। इसके बाद चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने भी मौके पर पहुंचकर काउंसिलिंग की। इस दौरान भी बच्चों ने स्कूल प्रबंधन के कई खुलासे किए हैं।

टीम ने अपने सामने करवाया मिड-डे मील

शुक्रवार को स्कूल का विजिट करने पहुंची शिक्षा विभाग की टीम ने सभी बच्चों को अपने सामने मिड-डे मील करवाया। टीम की जानकारी के मुताबिक सभी बच्चों ने रोलनंबर वाइज मिड-डे मील ग्रहण किया। हालांकि गुरुवार को बच्चों ने मिड-डे मील करने में अनाकानी भी की थी, लेकिन शुक्रवार को सभी बच्चों ने आराम से दोपहर का भोजन ग्रहण किया।

डाइट से आएंगे साइकोलॉजिस्ट

एलिमेंटरी शिक्षा विभाग के मुताबिक कुछ दिन के लिए डाइट से साइकोलॉजिस्ट स्कूल में तैनाती देंगे। शिक्षा विभाग ने अध्यापक को स्कूल जाने के आदेश दिए हैं। मामले के कारण पढ़ाई से प्रभावित हुए बच्चों को शिक्षक पठन-पाठन की ओर आकर्षित करेंगे।

बिना अनुमति रखे थे एसएमसी टीचर्ज

शिक्षा विभाग की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि स्कूल प्रबंधन और एसएमसी कमेटी ने विभाग की अनुमति लिए बिना ही एसएमसी पर दो अध्यापक रखे थे, जिनकी शिक्षा विभाग ने स्कूल में जातीय भेदभाव मामला सामने आते ही छुट्टी कर दी है। ये पीटीए अध्यापक पिछले दो सालों से स्कूल में बच्चों को पढ़ा रहे थे, जबकि नियमोनुसार ऐसा नहीं होता। शिक्षा विभाग को भी इनकी जानकारी नहीं थी। स्कूल प्रबंधन समिति को भी हटाया गया है। अब नए सिरे से स्कूल प्रबंधन समिति बनेगी।

शिक्षक ही नहीं, तो निलंबन कैसा

स्कूल में एसएमसी टीचर्ज के टर्मिनेशन पर बोली एसोसिएशन

शिमला  – 17 जुलाई, 2012 की पालिसी के अनुसार कार्यरत एसएमसी पीरियड बेसिस स्कूल टीचर एसोसिएशन ने जिला कुल्लू के राजकीय उच्च पाठशाला में एसएमसी अध्यापकों के टर्मिनेशन की खबर को निराधार बताया है। संगठन के अध्यक्ष अनिल पितान, मनोज रोंगटा, पवन नेगी, कमल जोशी अंजना ठाकुर, केवर कृष्ण, अंकित रामटा, अनिल राणा तथा जिला कुल्लू के एसएमसी संगठन के प्रधान लकी ने कहा है कि स्कूल में एसएमसी के माध्यम से पीरियड आधार पर कोई भी अध्यापक कार्यरत नहीं है तथा जिन एसएमसी अध्यापकों का नाम शिक्षा विभाग द्वारा बताया जा रहा है, वैसा कोई भी अध्यापक एसएमसी पालिसी के अधीन कार्यरत नहीं है। ये अध्यापक नॉन ग्रांट तथा बिना किसी नीति के तहत स्थानीय एसएमसी प्रधान द्वारा बिना किसी विभागीय अनुमति के नियुक्त किए गए थे। दुर्भाग्य की बात है कि कुछ लोगों द्वारा एसएमसी अध्यापकों का मनोबल गिराने की कोशिश की जा रही है। एसएमसी अध्यापक वर्ष 2012 से प्रदेश के दुर्गम तथा जनजातीय क्षेत्रों में बिना किसी अवकाश, न्यूनतम वेतन के तहत पढ़ा रहे हैं। इस तरह के भ्रामक प्रचार को लेकर सभी एसएमसी अध्यापक जल्दी मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलेंगे।


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