ऑटोनोमस कालेज बनना नहीं आसान
शिमला — शिक्षण संस्थानों के लिए अब ऑटोनोमस कालेज का दर्जा हासिल करना आसान नहीं होगा। इसे हासिल करने के लिए कालेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा तय नए नियम पूरा करना जरूरी होगा। ऑटोनोमस कालेजों के लिए यूजीसी की ओर से नई गाइडलाइन जारी की गई है। यह गाइडलाइन शिक्षण संस्थानों को पूरी करनी होगी, ताकि वे ऑटोनोमस बन सकें। ऑटोनोमस का दर्जा प्राप्त करने वाले संस्थानों को यूजीसी की ओर से अपने स्तर पर परीक्षाएं और कोर्स शुरू करने की स्वायतता प्रदान करता है। ऑटोनोमस का दर्जा जिन शिक्षण संस्थानों को प्राप्त होता है, वे यूजी और पीजी स्तर पर बिना विश्वविद्यालय की अनुमति के ही डिप्लोमा, सर्टिफिकेट कोर्स शुरू कर सकते हैं। संस्थान को केवल नए कोर्सेज शुरू करने की जानकारी विश्वविद्यालय को देनी हेती है। संस्थान को डिग्री और अन्य कोर्सेज शुरू करने के लिए कालेज काउंसिल और संवैधानिक परिषद से स्वीकृति लेना जरूरी होगा। यूजीसी ने नए नियमों में जिन शिक्षण संस्थानों को ऑटोनोमस दर्जा देने के लिए पात्र माना है, उसमें यूजीसी के एक्ट सेक्शन-2 के तहत स्थापित कालेज होंगे। वही कालेज पात्र होंगे, जिनकी स्थापना हुए दस साल का समय बीत चुका है। नैक से ए ग्रेड प्राप्त होने के साथ ही एनबीए से तीन प्रोग्राम के लिए व्यक्तिगत रूप से 675 के न्यूनतम स्कोर के साथ यूजीसी की मान्यता प्राप्त एजेंसी से ग्रेड स्कोर प्राप्त होना जरूरी है। नियमों में नैक से ग्रेड किस स्कोर के आधार पर संस्थानों को मिला है, इस पर भी ऑटोनोमस का दर्जा संस्थानों को मिलना तय होगा।
शिक्षण संस्थानों से मांगे आवेदन
यूजीसी ने ऑटोनोमस कालेज के लिए नए संशोधित नियम जारी करने के साथ ही आवेदन भी शिक्षण संस्थानों से मांगे हैं। इसके लिए फॉरमेट भी यूजीसी की वेबसाइट पर ही छात्रों को उपलब्ध करवाया गया है। अभी तक प्रदेश में किसी भी कालेज के पास ऑटोनोमस कालेज का दर्जा प्राप्त नहीं है। ऐसे में जो कालेज यह दर्जा हासिल करना चाहते हैं, वे यूजीसी को आवेदन कर सकते हैं।
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