खिलजी का रोल… चुनौती भरा

By: Feb 11th, 2018 12:10 am

मुझे खिलजी के किरदार के लिए खूब होमवर्क करना पड़ा, मैंने ऐसे सभी राजाओं के बारे में पढ़ना और समझना शुरू किया, जो खिलजी की तरह हैवान और एक खास तरह की जाति के लोगों को मार देते थे। मैंने खूंखार और जंगली जानवरों के बारे में भी पढ़ा ताकि खिलजी को अच्छी तरह समझ सकूं। मेरे अंदर ऐसा कुछ नहीं था जिससे मैं आसानी से खिलजी बन सकूं…

बालीवुड अभिनेता रणवीर सिंह को इन दिनों अपनी हालिया रिलीज फिल्म ‘पद्मावत’ में खिलजी की शानदार और जानदार भूमिका निभाने के लिए खूब वाहवाही मिल रही है। इसी सिलसिले में रणवीर से की खास बातचीत, इस बातचीत में रणवीर ने अपनी फिल्म और किरदार के अलावा अन्य सवालों के जवाब भी दिए।

बचपन से ही हाइपर एनर्जेटिक कहते थे मुझे?

हर समय भरपूर एनर्जी और जोश में रहने वाले रणवीर बताते हैं, मुझे सचमुच पता नहीं मेरे अंदर यह एनर्जी कहां से आती है, पहले बचपन और बाद में स्कूल से ही मेरे अंदर ऐसी एनर्जी रही है, स्कूल के रिपोर्ट कार्ड में जैसे एक्स्ट्रा रिमार्क होते थे, जहां पर लिखा जाता था कि इसका नेचर बबली है और हाइपर एनर्जेटिक है, मुझे एनर्जेटिक बचपन से ही कहा जाता रहा है और एक्टिंग जैसे काम में मेरी एनर्जी इसलिए भी खुलकर खुशी से आती है क्योंकि मैं अभिनय का यही काम करना चाहता हूं। मैं बचपन से ही एक्टिंग करना चाहता था, मैं हिंदी फिल्म का ही हीरो बनना चाहता था और आज मैं कर रहा हूं।

दीपिका के साथ फिल्म है, पर एक भी सीन साथ में नहीं

दीपिका के साथ तीसरी फिल्म, लेकिन फिल्म में एक साथ कोई सीन नहीं, इस पर रणवीर ने कहा, ऐसा पहली बार हुआ है, जब हमने एक फिल्म में काम तो किया है लेकिन हमारा फिल्म में एक भी सीन साथ में नहीं है, अब सोचता हूं तो मुझे भी यह अनोखी बात लगती है… कि हमने साथ में कोई शूटिंग नहीं की, यही नहीं हमारा शेड्यूल भी साथ में कभी नहीं था, लेकिन जब शूटिंग लेट हुई तो एक महीने मैं इतना फ्री था कि मेरी शूटिंग न होने पर भी मैं मुंबई के फिल्म सिटी में लगे चित्तौड़गढ़ के सेट पर सबके हाल-चाल और शूटिंग देखने जाता था, मुझे अपने सहयोगी कलाकारों को शूटिंग करते हुए देखना अच्छा लगता था।

खिलजी की तैयारी के लिए खूंखार जानवरों के बारे में पढ़ाई की?

खिलजी का किरदार निभाते हुए कभी ऐसा लगा कि आप खिलजी बन गए हैं, क्या आपको खिलजी बनने के बाद उसका लॉजिक समझ में आया।

इस सवाल के जवाब में रणवीर ने कहा, मैं कभी भी खुद की तुलना खिलजी से नहीं कर सकता, जब मैंने फिल्म के लिए तैयारी शुरू की तो मुझे खिलजी का किरदार बिलकुल भी समझ में नहीं आया, मैं खुद के अंदर बार-बार झांक कर देख रहा था, लेकिन कुछ भी समझ नहीं आया, ऐसा बिलकुल भी नहीं लगा कि खिलजी का लालच, वहशीपन और क्रूरता जैसी चीज मेरे अंदर हो, आ रही हो। मुझे खिलजी के किरदार के लिए खूब होमवर्क करना पड़ा, मैंने ऐसे सभी राजाओं के बारे में पढ़ना और समझना शुरू किया जो खिलजी की तरह हैवान और एक खास तरह की जाति के लोगों को मार देते थे। मैंने खूंखार और जंगली जानवरों के बारे में भी पढ़ा ताकि खिलजी को अच्छी तरह समझ सकूं। मेरे अंदर ऐसा कुछ नहीं था जिससे मैं आसानी से खिलजी बन सकूं मुझे इन तमाम चीजों के बारे में पढ़ना और समझना पड़ा।

कभी न कभी एक पावरफुल खलनायक का रोल तो करना ही था?

इस समय जब अपने करियर में आप एक हीरो के रूप में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, ऐसे में अलाउद्दीन खिलजी जैसे खलनायक का रोल निभाना कितना रिस्की लग रहा था।

जवाब में  रणवीर ने कहा, करियर के शुरुआती समय में खिलजी का रोल करना या यूं कहें एक खलनायक की भूमिका निभाने में बहुत ज्यादा रिस्क लग रहा था, आज के समय में कोई भी एक्टर नेगेटिव रोल नहीं करते हैं, पहले भी ऐसे रोल करने से उस समय के हीरो परहेज करते थे। पहले खलनायक जैसी कुछ फिल्में बनी जरूर हैं लेकिन उन भूमिकाओं में खिलजी की तरह हैवानियत नहीं थी। मुझे कभी न कभी तो अपनी लाइफ  में एक मजबूत विलेन का रोल करना था। तो मैंने सोचा चलो खिलजी की भूमिका निभा ली जाए। दर्शक मुझे नेगेटिव भी करार कर सकते थे, मुझे रिजेक्ट भी कर सकते थे, लेकिन अब जिस तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं, मैं खुश हूं।

खिलजी को क्रिएट करने का प्रॉसेस दिलचस्प

खिलजी की तैयारी के लिए आपने 21 दिन तक खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था, उस समय आपके दिल-दिमाग में क्या चल रहा था।

जवाब में रणवीर ने बताया, यह जो खिलजी को क्रिएट करने का समय था वह बहुत प्रतिफल देने वाला था, किसी किरदार को क्रिएट करने का जो समय होता है वह मेरे लिए बेहद महत्त्वपूर्ण और इंट्रेस्टिंग होता है, मैं इस वक्त को फिल्म की शूटिंग से ज्यादा इंजॉय करता हूं। यह जो 21 दिन थे इस समय मैं अपने किरदार को अच्छी तरह समझने के लिए किरदार के बारे में खूब लिखता हूं, कभी-कभी दीवारों में पेंटिंग करने लगता था, कभी खुद से बात करता था, कभी खुद को आईने में देखकर खुद को परखने का काम, कभी किताबें पढ़ना और कभी किरदार से जुड़े वीडियो देखना। किरदार के स्टार्टिंग प्वाइंट को पकड़ने के लिए काफी कुछ करना पड़ता है और मैं वही सब काम कर रहा था। इसके बाद जो भी होता है वह निर्देशक के साथ मिलकर होता है। अपने किरदार की तैयारी के बाद मैं भंसाली सर के पास जाता था और उनके अनुसार आगे काम करता था। मुझे इस दौरान बहुत ज्यादा मजा आया।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App