गर्मियों में सताएगा पानी

By: Feb 10th, 2018 12:01 am

कम बारिश से गिरा भू-जल स्तर, कई जगह प्राकृतिक जल स्रोत भी सूखे

शिमला – समूचा हिमाचल बारिश-बर्फबारी के इंतजार में है। पूर्वानुमानों के अनुरूप यदि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बारिश-बर्फबारी नहीं हुई, तो कृषि व बागबानी के लिए यह किसी बड़े नुकसान से कम नहीं होगा। गर्मियों में पेयजल दिक्कत बढ़ेगी, क्योंकि सर्दियों में कम बारिश के कारण भू-जल स्तर पहले ही आधा से पौना फुट तक गिर चुका है। कई इलाकों में प्राकृतिक जल स्रोतों के भी सूखने की सूचनाएं हैं। सेब बागबान बंपर फसल के इंतजार में हैं, क्योंकि पिछले वर्ष भी उन्हें नुकसान झेलना पड़ा था, मगर जिस तरह बागीचों में चीलिंग आवर्स और नमी की कमी देखी जा रही है, उससे बागबानों के होश गुम होने लगे हैं। बागीचों में बीमारियों का खतरा फिर मंडराने लगा है। आशंका यह भी जताई जा रही है कि प्रदेश के निचले हिस्सों में ऐसी स्थिति के चलते नींबू प्रजाति में सिट्रस कैंकर रोग बढ़ सकता है, जबकि आम की फसल को विचिज ब्रूम का खतरा भी बढ़ सकता है। जो आम की फसल तबाह करता है, यही नहीं माइट का प्रकोप भी बढ़ने का अंदेशा है। प्रदेश के कृषक पहले ही गेहूं की फसल में पीला रतुआ की दिक्कतों से जूझ रहे हैं। प्रदेश में 11 व 12 फरवरी को अच्छे हिमपात के साथ बारिश की भी अच्छी दर होगी। यदि ऐसा नहीं होता है, तो प्रदेश के लिए यह किसी बड़े नुकसान से कम नहीं होगा, क्योंकि अभी भी 80 फीसदी से ज्यादा लोग कृषि व बागबानी पर ही आधारित है। सूखे की स्थिति लगातार व्याप्त होने के मायने होंगे लोगों की आर्थिक दिक्कतें बढ़ना। बहरहाल, उम्मीद यही है कि इंद्रदेव नए साल में मेहरबान रहेंगे। राजस्व के साथ-साथ अन्य सरकारी एजेंसियां भी इस इंतजार में हैं कि पूर्वानुमानों के अनुरूप प्रदेश में अच्छी बारिश-बर्फबारी होगी। यदि ऐसा नहीं होता है तो दिक्कतें तो बढ़ेंगी ही।

प्रदेश में अब तक का सूरत-ए-हाल

हिमाचल को औसतन चाहिए 93.5 हुई 63.6 मिलीमीटर बारिश

जिला      बारिश दर

बिलासपुर -7

चंबा       – 39

हमीरपुर   10

कांगड़ा    19

किन्नौर    -46

कुल्लू      -7

जिला      बारिश दर

लाहुल-स्पीति-50

मंडी       -4

शिमला    -42

सिरमौर    -20

सोलन     -37

ऊना       33


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