गांव में खुद ही तैयार करेंगे बिजली

By: Feb 1st, 2018 12:02 am

उत्तराखंड की भारत-चीन सीमा पर बस्तियों से का छंटेगा अंधेरा

 देहरादून— भारत-चीन अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बसे गांव आजादी के बाद पहली बार बिजली से जगमगाएंगे। दिलचस्प तथ्य है कि गांवों के वाशिदें अपने लिए खुद बिजली पैदा करेंगे, जिन्होंने बिजली पैदा करने के लिए स्वयं ही जलविद्युत परियोजना तैयार की है और ये सब अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण उरेडा के सहयोग से संभव हो सका है। भारत-चीन सीमा पर हजारों फीट की ऊंचाई पर सात गांव बसे हैं। सीमांत प्रहरी कहे जाने वाले इन गांवों ने आज तक बिजली की रोशनी नहीं देखी है। अतिदुर्गम होने के कारण इन गांवों में अभी तक नेशनल ग्रिड की लाइन नहीं पहुंच पायी है। सरकार की ओर से इन गांवों को रोशन करने के लिए संभावना तलाशी गईं तथा यहां स्थित नालों एवं नदियों के जल से बिजली पैदा करने का खाका खींचा गया। उरेडा ने इस महती योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी ली तथा इन गांवों की आबादी एवं गांवों की जरूरत के आधार पर जलविद्युत परियोजना तैयार की गई। चूंकि गांवों की आबादी कम है इसलिए जनसंख्या के आधार पर  25 से 50 किलोवाट की लघु जलविद्युत परियोजना तैयार की गयी। परियोजना को उरेडा ने डिजाइन कर गांवों को सौंप दिया। परियोजना को अमलीजामा पहनाने के लिए गांवों में ऊर्जा समिति बनायी गयी। सरकार ने गांवों को ही निर्माण का जिम्मा भी सौंप दिया। कुछ गांवों में योजना पर कार्य प्रगति पर है जबकि कुछ गांवों में योजना अंतिम रूप ले चुकी है।


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