झाडि़यों में बैग में बंद मिली दुधमुंही
कालाअंब – औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब के अंतर्गत आने वाले गांव सैनवाला में दो माह की एक बच्ची झाडि़यों में मिली है। जानकारी के अनुसार सैनवाला गांव में एक कलियुगी मां-बाप ने दो माह की बच्ची को कड़ाके की ठंड में मरने के लिए झाडि़यों में छोड़ दिया। कहते हैं कि जाको राखे साइयां मार सके न कोई। ऐसा ही कुछ इस दो माह की मासूम बच्ची के साथ हुआ। इस बच्ची की जान बचाने के लिए भी भगवान ने एक व्यक्ति को भेज दिया। गुरुवार सुबह की सैर पर निकला एक व्यक्ति इस बच्ची के लिए मसीहा बनकर आया। जानकारी के अनुसार जब सैनवाला में सड़क के किनारे सेवानिवृत्त एचएएस अधिकारी रामेश्वर सिंह हर रोज की तरह सैर पर निकले, तो उन्हें झाडि़यों से एक बच्ची के रोने की आवाज आई। जब उन्होंने झाडि़यों में देखा, तो वहां एक बैग पड़ा था। जब रामेश्वर सिंह ने बैग खोला, तो उनके होश उड़ गए, क्योंकि उस बैग में एक करीब दो माह की दुधमुंही बच्ची थी। अगर समय रहते रामेश्वर सिंह नहीं पहुंचते, तो शायद बच्ची दम तोड़ देती। भले ही सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के बारे में अभियान चलाकर प्रतिदिन लोगों को जागरूक कर रही हो, परंतु हकीकत में आज भी लोग बेटे और बेटी को समानता का दर्जा नहीं दे पा रहे। इस घटना से साफ जाहिर होता है कि लोग आज भी सरकार की बात मानने को तैयार नहीं हैं। पंचायत प्रधान सैनवाला संदीपक ने बताया कि रामेश्वर सिंह इस बच्ची को गोद लेने के लिए तैयार है। थाना प्रभारी संजय कुमार ने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। बच्ची का डा. वाईएस परमार मेडिकल कालेज एवं अस्पताल नाहन में मेडिकल करवाया गया। पुलिस बच्ची को जिला बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करेगी। जिला बाल कल्याण समिति के फैसले के बाद ही बच्ची को गोद लिया जा सकता है अथवा बाल गृह भेजा जा सकता है।
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