नई दवाइयों के लिए नए ड्राफ्ट रूल

By: Feb 16th, 2018 12:03 am

केंद्रीय मंत्रालय के निर्देश, चिकित्सा व्यवस्था में सफल न होने पर रद्द होगा परीक्षण

बीबीएन— केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नैदानिक परीक्षण और नई दवाइयों के लिए नए ड्राफ्ट नियम जारी कर दिए हैं। इसके अनुसार अगर प्रायोजक परीक्षणों के लिए चिकित्सा व्यवस्था प्रदान करने में असफल होते हैं, तो न सिर्फ परीक्षण रद्द कर दिया जाएगा, बल्कि संबंधित कंपनी पर किसी अन्य तरह के परीक्षण करने पर भी रोक लगा दी जाएगी। इसके अलावा भारत में निर्मित और बेची जाने वाली दवाइयों के परीक्षणों के लिए इच्छुक फ र्मों को परीक्षणों से संबंधित मंजूरी 45 दिन के अंदर देने का भी प्रावधान किया गया है। नए ड्राफ्ट रूल्स में फार्मा कंपनियों की जिम्मेदारी बढ़ा दी गई है, मसलन भारत में दवाइयों के लिए परीक्षणों का आयोजन करने वाली फार्मा फ र्मों के परीक्षण में हिस्सा लेने वालों को किसी तरह की चोट लगती है या फिर मौत के मामले मसाने आते हैं, तो संबंधित फर्म जिम्मेदारी से भाग नहीं सकेगी। इन्हें पीडि़त पक्ष को तय मुआवजा अदा करना होगा। नए नियमों की अधिसूचना के अनुसार परीक्षण या जैव उपलब्धता या नई दवाई के बायोइक्यूव्लंस अध्ययन के प्रायोजक को जरूरत अनुसार लंबे समय तक मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था प्रदान करनी होगी। बीएबीई अध्ययनों में मानवीय शरीर में दवाइयों के अवशोषण की दर और मात्रा मापी जाती है। अगर परीक्षण प्राप्त करने वाला व्यक्ति नैदानिक परीक्षण या बीएबीई अध्ययन के दौरान किसी अन्य बीमारी से पीडि़त होता है, तो प्रायोजक को उसे जरूरी चिकित्सा व्यवस्था और सहायक देखभाल प्रदान करनी होगी, अगर प्रायोजक या केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण से मंजूरी लेने वाला व्यक्ति चिकित्सा व्यवस्था प्रदान करने में असफल हो जाता है, तो लाइसेंसिंग प्राधिकरण, सुनवाई का अवसर मिलने पर नैदानिक परिक्षण या बीएबीई अध्ययन को निलंबित या रद्द कर सकता है या प्रायोजक द्वारा कोई अन्य नैदानिक परीक्षण करने पर रोक लगा सकता है। ड्राफ्ट के अनुसार अगर दवाई इच्छुक चिकित्सीय प्रभाव प्रदान करने में असफल हो जाती है या मरीज को जरूरी स्टैंडर्ड देखभाल या बचाव दवाई उपलब्ध होने पर भी प्रदान नहीं की जाती, तो कंपनियों को मुआवजा देना होगा। अगर नैदानिक परीक्षणों को एक ऐसे संकेत के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिसके लिए कोई और वैकल्पिक चिकित्सा मौजूद नहीं है और परीक्षण प्राप्त करने वाले मरीज के लिए जांच अधीन नई दवाई से कोई फायदा नहीं हो रहा है, तो कंपनी द्वारा परीक्षण के बाद की सेवा मुफ्त दी जाएगी।


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