पूर्व सैनिकों को देना होगा गृहकर!

By: Feb 25th, 2018 12:16 am

अर्बन मिनिस्ट्री में फंसी विभाग की स्कीम, शहरी विकास मंत्रालय से प्रोपोजल को अभी तक नहीं मिली मंजूरी

हमीरपुर— प्रदेश पूर्व सैनिक कल्याण विभाग की महत्त्वाकांक्षी गृहकर योजना अर्बन मिनिस्ट्री में फंस गई है। पूर्व सैनिकों के लिए तैयार की गई इस योजना पर संकट के बादल मंडरा गए हैं। नगर परिषद व नगर पंचायत क्षेत्र में पूर्व सैनिकों को गृहकर मुक्त बनाने के लिए तैयार प्रारूप को प्रदेश सरकार की हरी झंडी नहीं मिल पाई है। करीब डेढ़ साल पहले शुरू हुई प्रक्रिया अब कागजों में ही कैद हो गई है। योजना को मंजूरी न मिलने के कारण हजारों पूर्व सैनिक लाभ से वंचित हैं। इस तरह अब इन्हें पहले की भांति ही गृहकर अदा करना पड़ा रहा है। अगर योजना शुरू हो जाती, तो इनका गृहकर पूरी तरह माफ हो जाना था। शुरुआती चरण में जल्द योजना शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही थी। बाद में यह योजना ठंडे बस्ते में पड़ गई। सैनिक कल्याण विभाग कई बार इस बारे सरकार को भी अवगत करवा चुका है। वर्ष 2016 के अंत में विभाग ने इसका प्रारूप तैयार कर मंजूरी के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष भेजा था। इसके बाद इसे अप्रूवल के लिए शहरी विकास मंत्रालय के पास भेजा गया। मंत्रालय से आज तक इसे मंजूरी नहीं मिली। इस योजना में किसी प्रकार का संशोधन करने की भी बात सामने नहीं आई है। ऐसे में अब विभाग भी मंत्रालय से मंजूरी मिलने का ही इंतजार कर रहा है। प्रदेश सरकार ने हाल ही में कार्यभार संभाला है, ऐसे में अन्य कार्यों को महत्त्वता दी जा रही है। गृहकर योजना के बारे में भी विचार होगा। जाहिर है कि सैनिक कल्याण निदेशालय हिमाचल प्रदेश ने वर्ष 2016 के अंत में पूर्व सैनिकों को गृहकर माफ करने की योजना तैयार की थी। इसका प्रारूप तैयार कर प्रदेश सरकार को भेजा गया। इसमें दर्शाया गया था कि कितने सैनिक नगर परिषद व नगर पंचायत क्षेत्र में आते हैं। इन सैनिकों के गृहकर को माफ करने का सरकार से आग्रह किया था। सरकार ने योजना को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर मामला शहरी विकास मंत्रालय को सौंप दिया। मिनिस्ट्री में मामला पहुंचने के बाद आगामी कार्रवाई नहीं हो पाई। लंबे समय से गृहकर मुक्ति का इंतजार कर रहे सैनिकों का इंतजार और बढ़ गया है।

…और अब संभावानाएं न के बराबर

नई सरकार ने भी अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में इस योजना के जल्द शुरू होने की संभावनाएं अब न के बराबर रह गई हैं। विभाग भी योजना शुरू होने की पूरी जिम्मेदारी अर्बन मिनिस्ट्री पर ही बता रहा है। ऐसे में अब सरकार से ही पूर्व सैनिकों को योजना शुरू करने की उम्मीद है। हालांकि इसके साथ सैनिक विभाग द्वारा भेजी गई अन्य योजनाओं की प्रोपोजल को फाइनल मंजूरी भी मिल गई है। इसके बाद इन्हें शुरू किया गया है।


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