मंडी पहुंचे बड़ा देव कमरूनाग

By: Feb 14th, 2018 12:10 am

मंडी— मंडी जनपद एक बार फिर से देव ध्वनियों से गूंजना शुरू हो गया है। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के लिए देवी-देवता और बड़ा देवकमरूनाग छोटी मंडी पहुंच गए हैं। बड़ादेव कमरूनाग मंगलवार दोपहर बाद शिवरात्रि मेलों में शिरकत करने के लिए मंडी पहुंच गए हैं। उनके पहुंचते ही शिवरात्रि के कारज शुरू हो गए हैं। मंगलवार को बड़ादेव कमरूनाग का शिवरात्रि मेला कमेटी की ओर से पुलघराट में स्वागत किया गया। इस दौरान राजदेवता माधोराय की चांदी की छड़ भी बड़ादेव की अगवाई के लिए ले जाई गई थी, जबकि इसके बाद सवा दो बजे के लगभग बड़ादेव कमरूनाग राज माधव के मंदिर पहुंचे। राजदेवता माधोराय के मंदिर में उपायुक्त एवं मेला कमेटी अध्यक्ष ऋग्वेद ठाकुर ने बड़ादेव कमरूनाग का स्वागत किया।  बड़ादेव ने राजदेवता माधोराय के दरबार में उपस्थिति दर्ज की। माधोराय से मिलने के बाद बड़ादेव कमरूनाग मंडी राजपरिवार के आवास भवानी पैलेस पहुंचे, जहां राजा अशोकपाल सेन ने बड़ादेव की पूजा-अर्चना की। रियासत कालीन परंपराओं का निर्वहन करते हुए बड़ादेव टंती के बेहड़े में स्थित राजदेवी राजराजेश्वरी के मंदिर पहुंचे। इसके पश्चात बड़ादेव ने आम जनमानस को दर्शन दिए, जिसके बाद अब कमरूनाग टारना मंदिर में विराज मान हो गए हैं। बड़ा देव अब शिवरात्रि महोत्सव के समापन पर ही टारना माता मंदिर से नीचे आएंगे। इतने दिनों तक हजारों लोग टारना माता मंदिर में पहुंच कर कमरूनाग के आगे शीश नवाएंगे। अंतरराष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव का विधिवत आगाज 15 फरवरी को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर करेंगे। शिवरात्रि महोत्सव का समापन 21 फरवरी को होगा।

कांटों के बीच भी बैठे भगवान

राजा के बेडे़ के बाद भगवान बड़ादेव कमरूनाग कुछ देर के लिए कांटो के बीच भी विराजमान हुए। राजा के बेडे़ में राजदेवी राजराजेश्वरी के मंदिर में पूजा-र्चना करने के बाद बड़ा देव राजमहल के मैदान के कोने पर झाडि़यों में विराजमान हो गए। बड़ादेव यहां काफी देर तक बैठे रहे। उन्होंने यहीं बैठकर भक्तों को दर्शन भी दिए। अपने आराध्य देव को यूं झाडि़यों के बीच बैठादेख कर उनके भक्त बड़ादेव के आगे नतमस्तक हो गए। बड़ी संख्या में वहीं पर लोगों ने बड़ा देव से आशीर्वाद लिया।

अंतिम दिन सेरी पर देंगे दर्शन

पड्डल मैदान में होने वाले देवसमागम में देव कमरूनाग शिरकत नहीं करते हैं। टारना मंदिर में ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मेले के अंतिम दिन ही बड़ादेव टारना की पहाडि़यों से उतरेंगे और देवी-देवताओं के मिलने के बाद सेरी चानणी में दर्शनार्थ बैठेंगे और फिर वापस लौट जाएंगे।

कमरूनाग के पहुंचते ही खिली धूप

शिवरात्रि महोत्सव की शुरुआत से पहले ही इस बार जहां बारिश शुरू हो गई और महोत्सव पर भी बारिश के बादल मंडराने के आसार हैं, लेकिन वहीं बड़ादेव कमरूनाग के छोटी काशी पहुंचते ही मंगलवार को धूप खिल आई। सोमवार की रात को जहां बादल बरसते व गरजते रहे और दिन में भी रूक-रूक कर बारिश होती रही, लेकिन जैसे-जैसे बड़ा देव छोटी काशी के नजदीक पहुंचते गए, वैसे-वैसे आसमान साफ होता गया। बड़ादेव कमरूनाग ने जैसे ही मंडी शहर में प्रवेश किया आसमान से सूर्यदेव भी उनके स्वागत को निकल आए और उसके बाद आसमान पूरी तरह साफ हो

बड़ादेव की छोटी काशी पर पूरी कृपा

छोटी काशी पहुंचे बड़ादेव कमरूनाग ने भक्तों पर अपना आशीर्वाद सूरज की किरणों के साथ बरसाया है। बड़ादेव के गूर नीलमणि ने बताया कि बड़ादेव कमरूनाग ने छोटी काशी को खुशहाली का आशीर्वाद दिया है। सब भक्तों पर उनकी कृपा बनी रहेगी और शिवरात्रि का कारज बिना किसी बाधा के पूरा होगा। उन्होंने कहा शिवरात्रि में मौसम भी लोगों पर मेहरबान रहेगा।

देवता समिति के अध्यक्ष ने किया स्वागत

मंडी पहुंचे बड़ा देव का राजमाधव मंदिर में उपायुक्त मंडी स्वागत किया। वहीं सर्व देवता समिति के अध्यक्ष पंडित शिवपाल शर्मा ने पुलग्राट पहुंच कर बड़ा देव का स्वागत किया। इसके बाद देवता समिति के सदस्यों ने राज माधव मंदिर में भी बारी-बारी सभी देवी-देवताओं का

स्वागत किया।


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