सहकारी बैंको में कामकाज ठप

By: Feb 13th, 2018 12:05 am

सोलन— सोलन जिला में सभी सहकारी बैंको व मार्केट कमेटी के निदेशक मंडल के गठन न होने से सारे महत्त्वपूर्ण कार्य ठप हो गए हैं। सहकारी बैंकों में करोड़ों रुपए के ऋण संबंधी व कर्मचारी हित मामले लटक गए हैं। निदेशक मंडल की बैठकें नहीं हो रही हैं तथा आम उपभोक्ता परेशान हैं। प्रदेश में भाजपा सरकार के गठन के तुरंत बाद बोर्ड, निगम व अन्य संबंधित संस्थाओं के निदेशक मंडली को भंग कर दिया था। सोलन जिला में इस समय दि बघाट अर्बन को-आपरेटिव बैंक, दि जोगिंद्रा सेंट्रल को-आपरेटिव बैंक व मार्केट कमेटी के निदेशक मंडल खाली हैं। जिला के एकमात्र मंत्री डा. राजीव सहजल हैं तथा उनके पास सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री का पद होने के साथ-साथ सहकारिता मंत्री का पदभार भी है। प्रदेश सरकार अभी तक इन पदों को भर नहीं पाई है। इसके पीछे प्रमुख कारण यह बताया जा रहा है कि कई दिग्गज भाजपा नेताओं ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पदों के लिए अपनी दावेदारी जता दी है। जिन नेताओं को यह आभास हो रहा है कि प्रदेश के बड़े बोर्ड व निगमों में उन्हें यदि स्थान नहीं मिलेगा, तो उन्होंने अपना लक्ष्य अब जिला स्तर की ओर निर्धारित कर दिया है। इच्छुक नेताओं द्वारा पुरानी निष्ठाओं का हवाला देकर अपना -अपना प्रभावी बायोडेटा प्रिंट करवाकर मुख्यमंत्री तक भेजा जा रहा है। कुछ एक इच्छुक नेताओं ने दिल्ली दरबार में अपनी पैठ को धार बनाकर सशक्त दावेदारी ठोक दी है। फिलहाल जोगिंद्रा बैंक के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस समर्थित मोहन मेहता व बघाट बैंक के अध्यक्ष पर कांग्रेस के ही अरुण शर्मा काबिज हैं। मनोनीत निदेशकों को भाजपा सरकार ने सत्ता में आते ही बर्खास्त कर दिया था। निदेशक मंडल की बैठक न होने के कारण बैंकों की नई नीतियों व योजनाओं का निर्धारण नहीं हो पा रहा है। जोगिंद्रा बैंक के वर्तमान अध्यक्ष मोहन मेहता का कहना है कि कार्यालय में सरकार की ओर से नए निदेशकों के मनोनयन की कोई सूचना अभी तक नहीं आई है। निदेशक मंडल के कोरम पूरा न होने के कारण इस वर्ष जोगिंद्रा बैंक कैलेंडर व डायरी नहीं छप सकी। हालांकि बघाट बैंक द्वारा पुराने निदेशक मंडल के नाम ही नए वर्ष के कैलेंडर व डायरियां प्रकाशित करने की सूचना है।


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