हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय-राष्ट्रीय पदकवीरों की बेकद्री, नहीं मिले स्टेट अवार्ड

By: Feb 9th, 2018 12:10 am

दो दर्जन खिलाड़ी पूरी कर रहे औपचारिकताएं; फिर भी इंतजार, पांच साल से परशुराम अवार्ड भी नहीं दे पाई प्रदेश सरकार, हरियाणा-पंजाब में हर वर्ष मिल रहा सम्मान

धर्मशाला— अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर की खेल प्रतियोगिता में पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन करने वाले मेडलिस्टों की राज्य में खूब बेकद्री की जा रही है। इंटरनेशनल और नेशनल अवार्ड विनिंग खिलाडि़यों को अब तक राज्य अवार्ड ही नहीं मिल पाए हैं। हैरत की ही बात है कि हिमाचल प्रदेश में पिछले पांच वर्षों से खिलाडि़यों के लिए सर्वोच्च राज्य सम्मान परशुराम अवार्ड ही प्रदान नहीं किए गए हैं। ऐसे में पहाड़ी राज्यों के पहाड़ से भी ऊंचे हौसले रखने वाले खिलाडि़यों को बड़ी निराशा हाथ लग रही है, जबकि पड़ोसी राज्य हरियाणा, पंजाब सहित अन्य राज्यों में हर वर्ष स्टेट अवार्ड मिल रहे हैं। वहीं पिछले पांच वर्ष में अब दो दर्जन से भी अधिक खिलाड़ी औपचारिकताएं पूरी करने पर भी मात्र इंतजार कर रहे हैं। वहीं प्रदेश के असाधारण प्रतिभावान खिलाडि़यों को भी सम्मान नहीं मिल पा रहा है। भारत के 18वीं स्टेट बने पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश को देश में चाहे छोटे राज्यों के रूप में गिना जाता है, लेकिन देवभूमि कहे जाने वाले राज्यों ने देश के लिए बलिदान की बात आती है, तो सर्वोच्च स्थान पर नजर आता है। वहीं अब पहाड़ी राज्य के प्रतिभावान खिलाडि़यों ने प्रदेश में विभिन्न खेलों में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए राज्य को स्थापित किया है। प्रदेश के खिलाड़ी अधिक खेल सुविधाएं न मिलने के बावजूद राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार प्रदेश को मेडल दिलवा रहे हैं। हैरत की ही बात है कि ओलंपिक-2012 में शूटिंग में प्रदेश के खिलाडि़यों को भारत को रजत पदक दिलाने पर सर्वोच्च सम्मान ही प्रदान नहीं किया गया है। विजय कुमार ने परशुराम अवार्ड के लिए प्रदेश सरकार और खेल विभाग में आवेदन किया है, लेकिन अब तक उन्हें अवार्ड नहीं मिल पाया है। हालांकि हिमाचल के लिए उनके न खेलने की औपचारिकता को इसमें बाधा बनाया गया है। राज्य के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अवार्ड लेकर प्रदेश का नाम रोशन कर चुके हैं। इतना ही नहीं, कई खिलाड़ी राष्ट्रीय के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मेडल दिलवा चुके हैं, लेकिन अब तक प्रदेश सरकार और खेल विभाग के राज्य अवार्ड का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश के खिलाडि़यों के देश के लिए बेहतरीन प्रदर्शन करने पर खेल का सर्वोच्च सम्मान अर्जुन अवार्ड भी प्रदान कर दिए गए हैं। इसमें ओलंपिक मेडलिस्ट विजय कुमार और कबड्डी के वर्ल्ड के बेस्ट रेडर अजय ठाकुर के नाम भी अर्जुन अवार्ड के लिए चल रहा है।

इन खिलाडि़यों को नहीं मिला सम्मान

ओलंपिक रजत पदक विजेता विजय कुमार, एशियन एवं वर्ल्ड कप कबड्डी गोल्ड मेडलिस्ट अजय ठाकुर, इंटरनेशनल कुश्ती में कांस्य पदक विजेता जगदीश राव, एशियन गेम्स कबड्डी गोल्ड मेडलिस्ट कविता ठाकुर, वर्ल्ड कप क्रिकेट उपविजेता सुषमा वर्मा, कबड्डी के इंटनरेशनल मेडलिस्ट निर्मला चंदेल, रवि शर्मा, विशाल भारद्वाज, रीतु नेगी, निधि चंदेल, वालीबाल में मनीषा सहित दो दर्जन के करीब खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश को मेडल दिला चुके हैं। उक्त खिलाडि़यों को अब तक राज्य अवार्ड नहीं मिल पाया है।

विजय कुमार को एक करोड़

ओलंपिक में रजत पदक जीतने पर प्रदेश सरकार ने विजय कुमार को एक करोड़ रुपए इनामी राशि प्रदान की है। टीम इंडिया कबड्डी कैप्टन एवं एशियन गोल्ड मेडलिस्ट अजय ठाकुर और क्रिकेट सुषमा वर्मा को डीएसपी के पद का सम्मान दिया गया है।

राज्य अवार्ड के लिए ये हैं नियम

राज्य के सर्वोच्च सम्मान परशुराम अवार्ड को हिमाचल प्रदेश के लिए खेल कर राष्ट्रीय मेडल जीतने वाले खिलाड़ी अवार्ड के लिए मान्य हैं। साथ ही पांच बार नेशनल खेलने और दो बार सेमीफाइनल खेलने पर भी परशुराम अवार्ड के लिए मान्य होते हैं, जबकि प्रदेश में इंटरनेशनल मेडलिस्ट भी अब तक खाली हाथ हैं। राज्य अवार्ड में परशुराम स्मृति चिन्ह व दो लाख रुपए राशि सहित प्रशस्ति प्रपत्र प्रदान किया जाता है।


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