अलग पांत में खड़ी प्रीति

By: Mar 11th, 2018 12:10 am

हिमाचली बच्चियों के कारनामें सुन-सुनकर यकीन नहीं आता कि सच में कल की नारी आज सब पर भारी। हर फील्ड में अपना डंका बजाने वाली नारी सच में सम्मान की हकदार है। यह कहावत सच में सही बैठती है ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ’ हिमाचल की बेटी ने मुंबई में बच्चियों की अवैध तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश किया है।

शिमला से ताल्लुक रखने वाली प्रीति सूद के प्रयासों से दो नाबालिग लड़कियों को विदेश भेजने से बचा लिया गया। प्रीति  बालीवुड में अभिनय के क्षेत्र में नाम चमका रही हैं। हाल ही में मुंबई स्थित वर्सोवा में एक सैलून में दो मासूम नाबालिग लड़कियों को मेकअप के लिए लाया गया था। शक होने पर इसकी जानकारी प्रीति की महिला मित्र ने उसे दी। इस पर प्रीति तुरंत हरकत में आई और सैलून पहुंच गईं। प्रीति ने बताया कि वहां 11 व 17 साल की दो मासूम बच्चियों का मेकअप किया जा रहा था और दो लोग बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। प्राती ने लड़कियों से बातचीत करनी चाही तो उन लोगों ने उन्हें रोक दिया। उन लोगों से डरे बिना प्रीति ने सवाल किया कि इन बच्चियों को कहां ले जाया जा रहा है, तो उन लोगों ने जवाब दिया कि इन लड़कियों को तैयार कर शादी में ले जाया जा रहा है। प्रीति को उनकी बातों पर भरोसा न हुआ और फिर से उन्होंने लड़कियों से बात करनी चाही, लेकिन वे दोनों लड़कियों को खींच कर ले जाने लगे। प्रीति ने बहादुरी दिखाते हुए उन्हें रोका और पुलिस को सूचित किया। इतने में पुलिस वहां पहुंच गई और उनसे पूछताछ की और थाने ले आई। पूछताछ में इन लोगों ने बताया कि ये नाबालिग बच्चियां तीन मार्च को गुजरात से लाई गई थीं और चार मार्च को उन्हें अमरीका भेजना था। इस सिलसिले में पुलिस ने एक ही समुदाय से ताल्लुक रखने वाले चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वर्सोवा पुलिस इन लोगों से गहनता से पूछताछ कर रही है। शक जताया जा रहा है कि इन लड़कियों को विदेश ले जाकर वेश्यावृत्ति करवाई जानी थी, लेकिन हिमाचल की बेटी ने अंतरराष्ट्रीय गिरोह के इन इरादों को नाकाम कर दिया। पूरे बालीवुड में इस बहादुर बेटी के चर्चे हैं।  ऐसी बेटी को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की सिफारिश भी की जा रही है।

हिमाचली बाला प्रीति सूद ने कभी सपने में भी न सोचा था कि वह बालीवुड में फिल्मों की एक्ट्रेस बनेंगी, लेकिन भाग्य को यही मंजूर था और प्रीति ने फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया और आगे बढ़ती गई । वैसे 5 साल पहले प्रीति गई तो होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने पर मुंबई की ट्रेन पकड़ ली और पीछे मुड़कर नहीं देखा । कंगना रणौत के साथ रिवाल्वर रानी मूवी में गुटकी की भूमिका अदा करने वाली प्रीति ने इससे पहले पंजाबी फिल्म जट्ट एंड जूलियट का प्रोमोशन वीडियो कर फिल्म इंडस्ट्री में अपनी धाक जमा ली थी । अलबत्ता दर्जनों ब्रांडेड कंपनियों के स्टिल व वीडियो शूट कर भी प्रीति ने ख्याति प्राप्त की है । मूलतः ठियोग शिमला की रहने वाली प्रीति को प्रकाश झा प्रोडक्शन की फिल्म फ्रॉड सैंया में अरशद वारसी के साथ भूमिका निभाने का मौका भी मिला है । क्योंकि प्रीति बेहद खूबसूरत हैं इसलिए दिल्ली में उनकी फे्रंड ने उन्हें मॉडलिंग करने की सलाह दे दी। वैसे प्रीति घर से होटल मैनेजमेंट का कोर्स करने दिल्ली निकली थी, पर पहुंच गई मुंबई। पोर्टफोलियो बनाया और दो- चार जगह भेजा तो अच्छे ऑफर आ गए और प्रीति ने दिल्ली से मुंबई की ट्रेन पकड़ ली। ठियोग के हेमराज व राधा सूद के घर जन्म लेने वाली प्रीति ने दर्जनों बड़े स्तर के म्यूजिक वीडियो भी किए हैं, जिनमें बंगाली, मराठा व गुजराती भाषा के वीडियो भी शामिल हैं । पापा हेमराज सूद  बागबानी के साथ-साथ बिजनेस भी करते हैं, जबकि मां  राधा सूद हाउस वाइफ  हैं। जब उन्होंने बेटी की हिम्मत व लगन को  देखा तो सहयोग दिया। प्रीति कहती हैं कि हिमाचली संस्कृति बॉलीवुड से बिलकुल भिन्न है लिहाजा उस कल्चर में स्वयं को ढालना मुश्किल भी था। संस्कार बिलकुल अलग थे, उसके बावजूद उस कल्चर में खुद को शामिल करने की कोशिश की। प्रीति कहती हैं कि मुंबई में एक्टिंग के लिए युवक-युवतियां पूरी तैयारी के साथ आते हैं, लेकिन उसके पास ऐसा कुछ न था । एक्टिंग इत्यादि की ट्रेनिंग के बिना फिल्मों में काम करना एक चुनौती थी। उन्होंने सहजता से स्वीकार किया और पूरी तरह आत्मविश्वास, मेहनत और लगन के साथ आगे बढ़ी। शून्य से शुरुआत की और चलती जा रही हैं। अच्छे रोल करने में प्रीति को अच्छा लगता है। वह कहती हैं  भाग्यशाली हूं फिल्में मिली और अच्छे प्रोडक्शन हाउस के साथ जुड़ी हूं। प्रीति मानती हैं कि  चलते जाना है मुकाम अवश्य मिलेगा। फुर्सत के क्षणों में मूवी देखना , ट्रैवलिंग करना, पुस्तकें पढ़ना और कुकिंग करना प्रीति को पसंद है। बॉलीवुड की भागदौड़ वाली जिंदगी से दूर शिमला के पहाड़ों पर आकर कुछ दिन परिवार वालों के साथ बिताने में प्रीति को सुकून मिलता है। पुरानी फ्रेंड से मिलने की प्रीति की इच्छा रहती है, लेकिन व्यस्तता  की वजह से मिलना नहीं होता। अलबत्ता परिवार वालों के साथ समय बिताना अच्छा लगता है। प्रीति कहती हैं कि वह हर इनसान से प्रेरणा लेती हैं। वह कहती हैं कि  जो भी उनके जीवन में आया उन से प्रेरणा ली है । संजीव कुमार, वहीदा रहमान ,नरगिस दत्त, दीपिका पादुकोण, नसीरुद्दीन शाह, अभिताभ बच्चन एल प्यूनो व डेनियल उन्हें पसंद हैं। वह चाहती हैं कि दक्षिण भारत और पंजाब की तरह हिमाचली सिनेमा भी आगे बढ़े। उन्होंने एम्स एम्बीशियन्स मीडिया प्रोडक्शन के बैनर तले हिमाचली फिल्म प्यार का संदेशा’ मूवी भी बनाई है। मसाला ड्रामा फिल्म में सोशल मैसेज देने की कोशिश की गई है। सोशल कार्य उन्हें सुकून देते हैं। वह कहती हैं कि हिमाचल सरकार का पर्यटन विभाग व भाषा संस्कृति विभाग सहयोग करें तो इस कार्य को आगे बढ़ाया जा सकता है। प्रीति की  प्रारंभिक शिक्षा राजकीय माध्यमिक पाठशाला ठियोग से हुई। बाद में उच्च शिक्षा उन्होंने कॉरेस्पोंडेंस प्राप्त की।

हिंदी मूवी रिवाल्वर रानी में कंगना रणौत के साथ भूमिका निभा चुकी प्रीति कन्नड़ फिल्म ‘देवरानी’ में भी मुख्य भूमिका निभा चुकी हैं। बच्चों की शॉर्ट फिल्म ‘अंटू की अम्मा’ की डायरेक्टर प्रीति इस शॉर्ट फिल्म में भी मुख्य भूमिका में हैं। यह मूवी इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के लिए बनाई गई है। इससे पहले उनकी पहाड़ी मूवी ‘प्यार दा संदेश’ रिलीज हो चुकी है। आने वाले समय में बालीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस की मूवी में प्रीति सूद अक्षय खन्ना के साथ मुख्य भूमिका में नजर आएंगी।  प्रीति के दर्जनों हिंदी म्यूजिक एलबम बाजार में आ चुके हैं तथा उन्होंने कई बड़े ब्रांड के विज्ञापन भी शूट किए हैं।

राकेश कथूरिया, कांगड़ा

मुलाकात

मुंबई में हिमाचली कहलाना सुकून देता है…

आपके लिए मंजिल का अर्थ क्या रहा है और अब मुकाम पर पहुंचकर अतीत को कैसे देखती हैं?

गर्व महसूस करती हूं। जीवन में संघर्ष किया है नकारात्मक सोच नहीं रखी और कभी हार नहीं मानना अच्छा लगता है।

क्या कलाकार बनना मात्र संयोग है या बचपन के किसी छोटे से सपने ने अब बड़ा आकार ले लिया?

कलाकार बनना संयोग ही रहा है । बचपन में इच्छा थी कि कभी एक्टर बनूंगी और संयोग से यह इच्छा भी पूरी हो गई।

आपके लिए संघर्ष की परिपाटी क्या है और जीवन में इसकी जरूरत कितनी है?

जीवन में संघर्ष जरूरी है। बड़े स्टार भी आज संघर्ष कर रहे हैं जीवन में अच्छे से जीने के लिए भी संघर्ष जरूरी होता है।

बालीवुड में किसी हिमाचली लड़की का स्थापित होना किन बातों पर निर्भर करेगा?

मेहनत व लगन  और साथ में आसपास के लोगों की गाइडेंस के साथ- साथ आपकी किस्मत।

कोई एक सिद्धांत या मजबूती जिसके कारण प्रीति आगे बढ़ती गई?

हमेशा खुद पर भरोसा रखा और जीवन में रिस्क भी लिए। धारणा रही कि किसी के साथ गलत मत करो। जीवन में अच्छा करो खुद पर विश्वास करो और ईमानदार रहो।

आपका महिला होना कभी खौफजदा करता है। क्या शिकायत है जमाने से?

महिला होने पर गर्व महसूस होता है और जमाने से गुस्सा है कि क्यों महिला को कमजोर समझा जाता है। महिलाओं को क्यों दबाया जाता है, क्यों नाबालिग बच्चियों से रेप होते हैं क्यों आज भी दहेज प्रताड़ना महिलाओं को झेलनी पड़ती है।

आपने कंगना के साथ काम किया है। कितना समझ पाईं उस दबंग हिमाचली छोरी को?

कंगना रणौत के साथ काम करने का मौका मिला है। वह व्यावसायिक हैं उन्हें बॉलीवुड का अच्छा अनुभव है। वहअच्छी एक्टर हैं, बहुत अच्छा कार्य करती हैं और कई नेशनल अवार्ड भी उन्हें मिले हैं।

एक खासियत जो कंगना को बालीवुड की भीड़ से अलग कर देती है?

वह एक बेहतरीन एक्टर हैं और दिल से बात करती हैं ज्यादा सोचती नहीं है।

बचपन से अब तक की आपकी पसंदीदा फिल्म और कोई एक रोल जिसे आप दोहराना चाहेंगी?

बहुत फिल्में हैं, जिनमें कॉमेडी और एक्शन फिल्में बचपन से देखती आई हूं। विशेषकर महिला केंद्रित फिल्में मसलन रेखा की खूबसूरत, कागज के फूल , आंधी, पाकीजा और मदर इंडिया जैसी फिल्में पसंद हैं। खासकर जिस फिल्मों में हीरोइन हीरो वाला कार्य करें, वे फिल्में ज्यादा पसंद हैं।

कब-कब लगा कि आप किस्मत की धनी हैं?

बचपन से लगता है कि किस्मत की धनी हूं। शौक पूरे हुए हैं, लोगों ने पसंद किया है। भगवान भी चाहता है कि मैं संघर्ष कर लूं फिर कोई बड़ा मुकाम मिले। सब कुछ मन मुताबिक हो रहा है, तो स्वभाविक है किस्मत की धनी हो तभी यह सब हो रहा है।

जो केवल ठियोग में है,मुंबई में नहीं?

बचपन की बेहतरीन यादें, माता-पिता के संस्कार अच्छे दोस्त, पहाड़ों की सुंदरता, प्रकृति, अपनापन, अपने लोग। वे जड़ें हैं और वृक्ष को जड़ें ही सपोर्ट करती हैं।

ऐसी कौन सी शक्ति आप में समाई है, जिसने दो नाबालिग बच्चियों की आपके माध्यम से रक्षा की?

इनसानियत की शक्ति है। मौत से नहीं डरती, वह तो एक दिन आनी ही है। जीवन में बहुत कुछ देखा है संघर्ष भी किया है। अच्छे संस्कार बचपन से मिले हैं, तो बुराई बर्दाश्त नहीं होती। जो कार्य जीवन में जरूरी है उसे करना चाहिए। आज हजारों लोगों के  कमेंट्स आ रहे हैं। एक महिला ने कमेंट किया है कि काली का रूप हो। अच्छा लग रहा है जो इस नेक कार्य के लिए भगवान का आशीर्वाद मिला है।

इस घटना के बाद क्या आपके प्रति मुंबई का नजरिया बदला या बड़े शहर की कंदराओं में केवल जख्म ही सहलाए जाते हैं?

मुंबई का नजरिया बदला है। भरोसा नहीं हो रहा है। समाज के लोग, बड़े एक्टर और मीडिया के द्वारा दिए गए सम्मान ने स्तर बढ़ा दिया है। जीवन में 50 अवार्ड मिले एक्टिंग भी होती रहती है, लेकिन इस नेक कार्य की वजह से जो सम्मान उन्हें दिया जा रहा है उसके लिए समाज की शुक्रगुजार हूं।

कोई सपना?

हर रोज अलग-अलग सपने लेने चाहिए। बहुत कुछ करना है समाज के लिए। सक्षम हो जांऊ तभी  जीवन सार्थक होगा।

जो हिमाचल को लौटाना है?

 हिमाचल पर गर्व है, जो इस लड़की को ढेर सारा प्यार दिया है। बहुत लौटा दिया है। मुंबई की भीड़ में जब पहला शब्द आता है कि लड़की हिमाचल से है, तो बहुत खुशी मिलती है सुकून मिलता है।


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