आंगनबाड़ी केंद्र-प्राइमरी स्कूल साथ-साथ

By: Mar 27th, 2018 12:20 am

मंत्री सुरेश भारद्वाज का खुलासा, प्रदेश सरकार प्रारंभिक शिक्षा में मर्ज करने को कर रही है विचार

कुल्लू –हिमाचल के आंगनबाड़ी केंद्र प्रारंभिक शिक्षा में मर्ज हो सकते हैं। क्वालिटी एजुकेशन लाने के लिए हिमाचल सरकार ने एक यह हल ढूंढ लिया है। योजना सिरे चढ़ती है या नहीं, यह आगामी समय ही बताएगा। फिलहाल अभी इस पर सरकार गहनता से विचार कर रही है। लगातार सरकारी स्कूलों में घटी बच्चों की संख्या और शिक्षा के क्षेत्र में गिरा हिमाचल का ग्राफ से सरकार परेशान है। अब सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को प्रारंभिक शिक्षा में मर्ज करने का सोच-विचार कर रही है। सरकारी और निजी स्कूलों के बच्चों की पढ़ाई में रात-दिन का फर्क दिख रहा है। निजी स्कूलों में तीन वर्ष के बच्चे दाखिल होने से शिक्षा का स्तर बढ़ रहा है, जबकि सरकारी स्कूल में छह वर्ष का बच्चा दाखिल होने से पढ़ाई में कमी दिख रही है। सरकार ने फिलहाल आंगनबाड़ी केंद्र को प्रारंभिक शिक्षा में मर्ज कर सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई में उत्तम क्वालिटी लाने का एक यह हल ढूंढा है। निजी स्कूलों में तीन वर्ष की आयु में बच्चों को नर्सरी और केजी कक्षा में दाखिल किया जाता है, जबकि सरकारी स्कूल में छह वर्ष की आयु में प्रथम कक्षा में दाखिल किया जाता है। अब सरकार आंगनबाड़ी केंद्रों को मर्ज कर बच्चों को बेतरीन शिक्षा प्रदान कर नर्सरी और केजी जैसी पढ़ाई करवाकर सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगी। आंगनबाड़ी केंद्र में जब बच्चों को नर्सरी और केजी जैसी पढ़ाई करवाई जाएगी, तो सभी सरकारी स्कूलों की ओर बच्चे आएंगे। सरकार तीन चार स्कूलों के बच्चों को इक्कठे कर वहां पर चार पांच आध्यपक द्वारा अच्छी शिक्षा देने की योजना बना रही है। शिक्षा मंत्री ने अपने कुल्लू दौरे के दौरान कहा कि प्रदेश के दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा नहीं, साक्षरता पहुंची है। प्रदेश में विभिन्न कारणों से  सरकारी स्कूलों में आज प्रारंभिक शिक्षा का स्तर गिरा चुका है, जिसके कारण सरकारी स्कूलों में बच्चों को गुणात्मक शिक्षा नहीं मिल रही है। इस कारण सरकारी स्कूलों में संख्या घटी है और निजी स्कूलों में बच्चों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।

इस योजना से बढ़ेगी गुणवत्ता

प्रारंभिक शिक्षा में गुणात्मक शिक्षा परिवर्तन किया जाएगा। बजट में मुख्यमंत्री आवासीय विद्यालय योजना के तहत प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्र में सभी सुविधाओं से युक्त आदर्श विद्यालय खोले जाएंगे। दस जिला में इसका प्रावधान किया जाएगा। एनसीआरटी की किताबों पर समाज की आवश्यकताओं के साथ प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए लोगों को अच्छी किताबें पहुंचे, इसका समाधान किया जा रहा है।


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