आईसीटी लैब तैयार, देनदारी फंसी

By: Mar 20th, 2018 12:01 am

परियोजना निदेशालय के पास कंपनी को देने के लिए बजट नहीं

शिमला – प्रदेश के सरकारी स्कूलों के छात्र ऑनलाइन स्टडी कर सकें, इसके लिए राज्य परियोजना निदेशालय ने आईसीटी लैब तो स्कूलों में बनवा दी, लेकिन अब निदेशालय के पास कंपनी को पैसे देने के लिए बजट नहीं है। हैरानी की बात है कि स्कूलों में दिल्ली की एक कंपनी द्वारा आईसीटी लैब बनाई गई थी, कंपनी ने 167 करोड़ खर्च कर लगभग 2137 स्कूलों में आईसीटी लैब तैयार कर दी है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार कंपनी ने स्कूलों में एक्स्ट्रा चार कम्प्यूटर लगाए हैं ओर उनमें हर सुविधा छात्रों को दी गई है। इनमें छात्र न केवल कम्प्यूटर शिक्षा ले सकते हैं, बल्कि ऑनलाइन प्रतियोगी परीक्षा की भी पूरी तैयारी कर सकते हैं। शिक्षा विभाग के विभागीय सूत्रों की मानें, तो राज्य परियोजना निदेशालय की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने वाली दिल्ली की कंपनी को पैसे देने के लिए भी विभाग के पास बजट नहीं है। हालांकि राज्य परियोजना निदेशालय ने 90 करोड़ का बजट कंपनी को दे दिया है, बाकि बचा हुआ बजट कब कंपनी को मिलेगा यह तो आने वाला समय ही बताएगा। उल्लेखनीय है कि सोमवार को दिल्ली से आए कंपनी के कुछ अधिकारियों ने राज्य परियोजना के निदेशक आशीष कोहली के साथ लंबी बैठक की। सूत्र बताते हैं कि कंपनी ने निदेशक के सामने बचा हुआ बजट देने की मांग उठाई। कंपनी की ओर से आए सदस्यों ने विभाग को दो टूक कहा है कि अगर उन्हें समय रहते बजट नहीं मिलता है, तो वे राज्य परियोजना निदेशालय के साथ किए हुए टेंडर को वापस लेने से भी गुरेज नहीं करेंगे। राज्य परियोजना निदेशालय के निदेशक आशिष कोहली ने बताया कि आईसीटी लैब स्थापित करने वाली कंपनी का बजट देने को है। ऐसा नहीं है कि निदेशालय पांच साल के भीतर कंपनी की पेमेंट कर सकता है।


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