इंश्योरेंस में इंश्योर्ड करियर
वर्तमान समय में भारतीय बाजार में विभिन्न प्रकार की सेवाओं के साथ कई बहुराष्ट्रीय और निजी कंपनियां बीमा कारोबार को नया आयाम दे रही हैं। भारत में बीमा क्षेत्र को खुला बनाए जाने से सरकारी एवं निजी बीमा कंपनियों में आकर्षक नौकरियों के अलावा कई संबद्ध अवसर भी इस क्षेत्र में पैदा हुए हैं। यदि आपमें लोगों से संपर्क बनाने के गुर हैं, तो यह करियर विकल्प बेहतर है…
वैश्वीकरण एवं उदारीकरण के वर्तमान दौर में बीमा क्षेत्र करियर निर्माण हेतु काफी उज्ज्वल क्षेत्र माना जा रहा है। अमरीका तक में जिन पांच प्रमुख करियर विकल्पों का बोलबाला है उसमें बीमा क्षेत्र भी शामिल है।
कुछ वर्षों पहले तक भारतीय बीमा क्षेत्र में सरकारी कंपनियों का एकाधिकार था, लेकिन निजी क्षेत्र को बीमा की अनुमति मिलने के बाद एक ओर जहां बाजार में अवसर बढ़े हैं, वहीं दूसरी ओर लोगों को पसंदीदा सेवा चुनने की स्वतंत्रता भी मिल गई है।
वर्तमान समय में भारतीय बाजार में विभिन्न प्रकार की सेवाओं के साथ कई बहुराष्ट्रीय और निजी कंपनियां बीमा कारोबार को नया आयाम दे रही हैं।
भारत में बीमा क्षेत्र को खुला बनाए जाने से सरकारी एवं निजी बीमा कंपनियों में आकर्षक नौकरियों के अलावा कई संबद्ध अवसर भी इस क्षेत्र में पैदा हुए हैं। यदि आपमें लोगों से संपर्क बनाने के गुर हैं, तो यह करियर विकल्प बेहतर है।
क्या है बीमा
बीमा दो पक्षों के बीच की एक सहमति है, जिसमें एक पक्ष होता है बीमा करने वाला और दूसरा पक्ष होता है बीमा करवाने वाला। बीमा कराने वाला व्यक्ति प्रीमियम के रूप में एक निश्चित मासिक अथवा वार्षिक धनराशि बीमा करने वाले के पास जमा कराता है। इसके बदले में बीमा करने वाला उस व्यक्ति को किसी दुर्घटना की स्थिति में प्रीमियम से अधिक राशि अदा करता है। आज एक व्यक्ति से लेकर गाड़ी तक लगभग हर चीज का बीमा होता है। इसलिए अगर आप भी किसी अच्छी जगह नौकरी करना चाहते हैं तो बीमा क्षेत्र एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस क्षेत्र में अनुभव ही आपकी आमदनी को बढ़ाता है।
बीमा क्षेत्र का इतिहास
जीवन बीमा अपने आधुनिक रूप के साथ 1818 में इंग्लैंड से भारत आया। भारत की पहली जीवन बीमा कंपनी कलकत्ता(वर्तमान में कोलकाता) में यूरोपियंस के द्वारा शुरू की गई, जिसका नाम था ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस। प्रारंभ में ये कंपनियां भारतीय मूल के लोगों का बीमा नहीं करती थीं, लेकिन कुछ समय बाद बाबू मुत्तीलाल सील जैसे महान व्यक्तियों की कोशिशों से विदेशी जीवन बीमा कंपनियों ने भारतीयों का भी बीमाकरण करना शुरू किया। भारत की पहली जीवन बीमा कंपनी की नींव 1870 में मुंबई म्युचुअल लाइफ इंश्योरेंस सोसायटी के नाम से रखी गई।
इन कंपनियों में अवसर
भारतीय जीवन बीमा निगम, बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी, इफ्को-टोक्यो जनरल इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी और एचडीएफसी स्टैंडर्ड लाइफ इंश्योरेंस कंपनी।
प्रमुख संस्थान
कालेज ऑफ वोकेशनल स्टडीज, दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली।
एकेडमी ऑफ इंश्योरेंस मैनेजमेंट, दिल्ली
बिड़ला इंस्टीच्यूट ऑफ मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी, दिल्ली
इंश्योरेंस इंस्टीच्यूट ऑफ इंडिया, मुंबई।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र ।
पदार्पण के लिए है चरणबद्ध प्रक्रिया
विद्यार्थी स्नातक के उपरांत इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। हालांकि कुछ छात्र बारहवीं के बाद से ही बीमा क्षेत्र से जुड़ जाना पसंद करते हैं। आजकल कई कंपनियां स्नातक छात्रों को पार्ट टाइम जॉब का ऑफर भी देती हैं। फिर भी विषय का पूरा ज्ञान लेने के लिए कालेज के पश्चात बीमा प्रबंधन में मास्टर्स डिग्री लेना श्रेयस्कर रहेगा।
क्या हों व्यक्तिगत गुण
यदि आपमें सेलिंग स्किल, पीपल स्किल हैं तथा आप लोगों की परेशानियों को समझते व उन्हें वित्तीय मदद भी देने को सदैव तैयार रहते हैं तो बीमा क्षेत्र आपके लिए उत्तम है। यदि आप इसे पैसे कमाने का जरिया भर मानते हैं तो इसे करियर के रूप में न चुनें। वास्तविक दुनिया में बीमा का महत्त्व शुरुआत में ही समझा जाना चाहिए।
किन बातों का रखें ध्यान
कंपनियों की वेबसाइट को नियमित तौर पर चैक करना तथा जॉब की नोटिस आने पर उसके लिए अप्लाई करना।
मित्रों और पहचान वालों का दायरा बढ़ाना, जिनके साथ भविष्य में इंश्योरेंस डील कर सकते हैं।
व्यापारिक तौर-तरीके, संवाद एवं सेलिंग स्किल बढ़ाने के लिए किताब पढ़ें।
वैश्विक बीमा परिदृश्य एवं उन नई रणनीतियों पर नजर रखें, जो अभी देश में नहीं लांच की गई हैं। इसमें आपको इंटरनेट की सबसे ज्यादा मदद मिलेगी।
मार्केट की मांग एवं आपूर्ति
आजकल इंश्योरेंस प्रोफेशनल्ज की बहुत मांग है। आज दुनिया की आबादी में सिर्फ 14 प्रतिशत ही बीमा अभिकर्ताओं के द्वारा बीमित हैं, जिसका मतलब है कि अभी भी 86 प्रतिशत लोगों ने किसी प्रकार का कोई भी बीमा नहीं कराया है।
अतः आपूर्ति की तुलना में मांग बहुत ज्यादा है। क्योंकि अकसर कहा जाता है कि बीमा प्रार्थना का विषय है। अतः सही पालिसी व एक साफ.-सुथरे तंत्र के द्वारा अच्छी आय प्राप्त की जा सकती है।
क्षेत्र से कैसे जुड़ें
विद्यार्थी स्नातक के उपरांत इस क्षेत्र में करियर बना सकते हैं। वे बीमा प्रबंधन में स्नातकोत्तर कर सकते हैं या फिर एजेंट बनकर भी इस क्षेत्र से जुड़ा जा सकता है। आजकल कई कंपनियां स्नातक छात्रों को पार्ट टाइम जॉब का ऑफर भी देती हैं।
लोगों को कनविंस करें
यदि आप बात को समझा लेते हैं तो आपके लिए उचित रहेगा। बीमा में करियर बनाने के लिए दो प्रकार के कौशल की आवश्यकता होती है, पहला लोगों को आसानी से मित्र बनाना और दूसरा उनकी परेशानी को सही ढंग से पहचान कर उन्हें बीमा के महत्त्व को समझाना। जिसका भी आप बीमा कर रहे हैं उन्हें आप समझा सकते हैं कि भविष्य में होने वाली किसी दुर्घटना से बीमा कैसे वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। इस क्षेत्र में आपका मिलनसार होना जरूरी है।
क्या है इरडा
जिस तरह आरबीआई भारत के सभी बैंकों के ऊपर नियंत्रण बनाए रखता है साथ ही साथ पालिसी आदि तय करता है, उसी तरह इरडा यानी बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण बीमा क्षेत्र की सभी कंपनियों और पालिसियों पर नजर बनाए रखता है और उपभोक्ता के हितों को सुनिश्चित करता है।
पास करें इरडा की परीक्षा
एजेंट कंपनी और ग्राहक के बीच की कड़ी होते हैं, जो लोगों को पालिसी की जानकारी देते हैं और उनका बीमा करते हैं। लोगों से प्रीमियम जमा कराने और कंपनी की विभिन्न सेवाओं को लोगों तक पहुंचाने का काम भी एजेंट का ही होता है। इन सभी कामों के लिए कंपनी की तरफ से एजेंट का एक कमीशन तय होता है। यह कमीशन ही एजेंट की मूल कमाई होती है। एजेंट बनने के लिए किसी व्यक्ति को बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) की परीक्षा पास करनी पड़ती है। अगर आप किसी कंपनी का एजेंट बनना चाहते हैं तो हामी भरने के बाद वह कंपनी ही इरडा की परीक्षा पास करने के लिए आपकी तैयारी भी करवाती है। बीमा व्यवसाय से एजेंट बनकर स्नातकोत्तर की अपेक्षा कम समय में जुड़ा जा सकता है।
कोर्स पर कितना होगा खर्च
अगर आप बीमा प्रबंधन कर रहे हैं तो खर्च इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस संस्थान या विश्वविद्यालय से पढ़ाई कर रहे हैं। आमतौर पर इंश्योरेंस पाठ्यक्रम की वार्षिक फीस एक से दो लाख के बीच हो सकती है। एनआईए बिरला इंस्टीच्यूट आदि कुछ बेहतरीन इंश्योरेंस स्कूल हैं। इसके अलावा कई संस्थान डिप्लोमा पाठ्यक्रम तथा दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीमा में पाठ्यक्रम संचालित करते हैं।
रोजगार के अवसर
इंश्योरेंस प्रोफेशनल्ज के लिए रोजगार की संभावनाएं दिन- प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं। इसका अंदाजा इन आंकड़ों से ही लगाया जा सकता है कि कुछ साल पहले जहां इक्का-दुक्का कंपनी ही इस क्षेत्र में कार्यरत थीं, वहीं आज कई कंपनियां बीमा कर रही हैं। भारत का बीमा बाजार लगभग दो लाख करोड़ का है और यह सालाना 35 से 40 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। कंपनियां ज्यादा से ज्यादा पालिसियां बेचने के लिए अब गांवों का रुख कर रही हैं।
वेतनमान
एजेंट को मिलने वाला कमीशन ही उसका वेतन होता है। अगर आप ने स्नातक या स्नातकोत्तर किया है, तो आपको मिलने वाला वेतन इस बात पर निर्भर करेगा कि वह कंपनी अपने कर्मचारियों को कितना वेतन देती है। अगर आपने किसी प्रसिद्ध बिजनेस स्कूल से एमबीए इन इंश्योरेंस किया है, तो आप अपनी प्रथम जॉब में ही ज्यादा बेहतर वेतनमान की अपेक्षा कर सकते हैं।
कठोर परिश्रम ही ऊंचाइयां छूने का विकल्प
इंश्योरेंस में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने विमलेश धर से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…
विमलेश धर
वरिष्ठ मंडल प्रबंधक भारतीय जीवन बीमा निगम
इंश्योरेंस में करियर की क्या संभावनाएं हैं?
इश्योरेंस के क्षेत्र में करियर की अपार संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में स्थायी कर्मचारियों के अलावा फील्ड स्टाफ और एजेंट (अभिकर्ता) के पद सृजित किए जाते हैं। तैनाती के बाद उत्कृष्ट कार्य के आधार पर पदोन्नतियों के अवसर भी प्रदान किए जात हैं।
इस फील्ड में करियर के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है?
इश्योरसेंस क्षेत्र में स्थायी रोजगार के लिए स्नातक की पढ़ाई के बाद करियर बनाया जा सकता है। जबकि एजेंट (अभिकर्ता) का रोजगार 10वीं और 12वीं की पढ़ाई उत्तीर्ण कर हासिल किया जा सकता है।
प्रशिक्षण के प्रमुख संस्थान कौन-कौन से हैं?
इश्योरेंस का प्रशिक्षण लेने के लिए हिमाचल प्रदेश में कोई संस्थान नहीं है। मौजूदा समय में दिल्ली, मुंबई, कुरुक्षेत्र और हैदराबाद में ही इश्योरेंस मैनेजमेंट के संस्थान हैं। प्रदेश में भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा अपने स्तर पर एजेंट (अभिकर्ता) को धर्मशाला, मंडी, हमीरपुर, शिमला और नूरपुर में ट्रेनिंग दी जा रही है।
रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं?
देश में कई बहुराष्ट्रीय व निजी कंपनियां बीमा क्षेत्र में कार्य कर रही हैं, जो आकर्षक नौकरियों के साथ कई संबद्ध अवसर भी दे रही है। इश्योरेंस सेक्टर में सहायक प्रशासनिक अधिकारी असिस्टेंट स्टाफ, क्लर्क व विकास अधिकारी के पद भरे जाते हैं। इसमें पदोन्नति के अवसर भी प्रदान किए जाते हैं। इसके अलावा एजेंट के तौर पर भी रोजगार प्रदान किए जा रहे हैं जिसमें आय के अर्जित करने के असीमित विकल्प हैं।
इस कार्य क्षेत्र में आरंभिक आय कितनी है?
इस कार्य क्षेत्र में आय के असीमित अवसर है। एजेंट लाखों रुपए की आय अर्जित कर सकते हैं। भारतीय जीवन बीमा निगम द्वारा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात एजेंटों को क्रमशः 5 हजार और 6 हजार का वेतन दिया जाता है जिसमें उनका कार्य निर्धारित रहता है। वहीं इनकी कार्य अवधि भी सीमित रहती है। जबकि स्थायी स्टाफ को सरकार द्वारा निर्धारित वेतन प्रदान किया जाता है।
इंश्योरेंस के क्षेत्र में जाने वाले युवा में क्या खास गुण होने चाहिए?
मार्केटिंग फील्ड (जॉब)चुनौतीपूर्ण रहती है। इसमें जीत हासिल करने के लिए युवा में पीपल मीटिंग स्किल और उत्पाद सेलिंग योग्यता होनी चाहिए।
चुनौतियां क्या और निदान क्या हैं?
इश्योरेंस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। ऐसे में उस कंपनी के उत्पाद बेचना चुनौतीपूर्ण हो गया है जिससे वह जुड़े होते हैं। इन चुनौतियों पर जीत केवल मात्र कठिन परिश्रम कर ही हासिल की जा सकती है।
जो युवा इंश्योरेंस की फील्ड को अपनाना चाहते हैं उनके लिए प्रेरणा संदेश दें।
इश्योरेंस क्षेत्र में आय अर्जित करने के असीमित अवसर हैं। मगर इसके लिए कठोर परिश्रम की आवश्यकता रहती है। कठोर परिश्रम कर ही फील्ड में ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है।
—टेकचंद वर्मा, शिमला
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