कम्प्यूटर की एबीसी का पता नहीं और टेस्ट ऑनलाइन देंगे स्टूडेंट!
शिमला — हिमाचल प्रदेश में छात्र कैसे ऑनलाइन टेस्ट में अव्वल रहेंगे, जब उन्हें कम्प्यूटर की पूरी जानकारी ही नहीं होगी। इसी विषय को लेकर कम्प्यूटर शिक्षक अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहे हैं। नाइलेट व अनुबंध के आधार पर सरकारी स्कूलों में सेवाएं दे रहे शिक्षकों ने यही बात उठाई है कि जब सरकारी स्कूलों में छात्रों को कम्प्यूटर विषय अनिवार्य ही नहीं किया गया है, तो कैसे वे ऑनलाइन टेस्ट की तैयारियां करेंगे। शिक्षकों के अनुसार कम्प्यूटर की कक्षाएं लगाने के लिए छात्र 110 रुपए अतिरिक्त फीस देता है, जबकि सरकार को दूसरे विषयों की तरह इसे भी फ्री में कर देना चाहिए। प्रदेश अनुबंध अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र ठाकुर का कहना है कि विभाग नौवीं से बारहवीं तक के छात्रों का ऑनलाइन टेस्ट आईसीटी लैब में लेने की तैयारी कर रहा है, जिससे शिक्षा में गुणात्मक सुधार होंगे, लेकिन बहुत से छात्रों को कम्प्यूटर का ज्ञान ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश अनुबंध अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार को कम्प्यूटर साइंस विषय के लिए कोई फीस नहीं लेनी चाहिए, ताकि सभी श्रेणी के छात्र इस विषय को पढ़ सकें और इस विषय को सभी छात्रों के लिए जरूरी विषय के रूप में शुरू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर प्रदेश में ऐसा हो जाता है, तो सरकार की आने वाली ऑनलाइन टेस्ट और दूसरे विषय, जो कम्प्यूटर विषय से संबंधित हैं, वह योजना सफल हो पाएगी। हिमाचल प्रदेश अनुबंध अध्यापक संघ ने शिक्षा विभाग से मांग की है कि कम्प्यूटर साइंस विषय आवश्यक विषय के रूप में लागू होना चाहिए और सभी बच्चों को मुफ्त इसकी शिक्षा मिलनी चाहिए।
कैसे तैयार होंगे छात्र
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में छात्रों को ऑनलाइन टेस्ट में अव्वल करने की तैयारी राज्य परियोजना निदेशालय की ओर से की जा रही है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि जब तक कम्प्यूटर को भी दूसरे विषयों की तरह जरूरी नहीं किया जाता, तब तक छात्र इसके लिए कैसे तैयार होंगे।
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