किस्म तय करेगी मुआवजा रकम

By: Mar 1st, 2018 12:01 am

फोरलेन प्रभावितों को राजस्व रिकार्ड के हिसाब से मिलेगा पैसा

धर्मशाला— पठानकोट-मंडी फोरलेन के आसपास बसे लोगों को विस्थापन का डर सताने लगा है। प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही लोग अब अपने अपने घरों एवं कारोबारी प्रतिष्ठानों की चिंता करते हुए नए स्थानों की तलाश में जुट गए हैं। इससे काम शुरू होने पर उन्हें उचित ठिकाना मिल सके। फोरलेन में प्रभावित लोगों को मुआवजा राशि भी संबंधित भवनों के राजस्व रिकार्ड के हिसाब से ही मिलेगा। यह अहम होगा कि दुकान, शो रूम या फिर कच्चा भवन ये सारी बातें खंगाली जाएंगी। मंडी पठानकोट एनएच के आस पास बसे हजारों लोगों की नींद उड़ गई है। हालांकि सरकार ने प्रमुख बाजारों को उजाड़ने के बजाय वहां फ्लाईओवर बनाने की योजना की है।  अभी हाई-वे अथारिटी की अधिसूचना जारी होना बाकी है, नोटिफिकेशन जारी होने के बाद ही भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो पाएगा। सरकार ने इस प्रक्रिया को  31 मार्च से पहले शुरू करवाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में यह प्रक्रिया कभी भी शुरू हो सकती है। सरकार लोकसभा चुनावों से पहले काम शुरू कर इसे अपने कार्यों में शामिल करना चाहती है, लेकिन विस्थापितों की समस्या से निपटाना भी सरकार के समक्ष बड़ी चुनौती होगा। उपायुक्त कांगड़ा संदीप कुमार का कहना है कि फोरलेन से प्रभावित होने वाले भवनों को राजस्व रिकार्ड के हिसाब से मुआबजा मिलेगा। भवन की किस्म सरकार रिकार्ड में दर्ज होनी चाहिए।  कम से कम लोग प्रभावित हों, इस दिशा में काम किया जा रहा है। बड़े बाजारों में फ्लाई ओवर बनाए जा रहे हैं।

छह महीने पहले सूचित करने की मांग

नूरपुर और जसूर में कारोबारियोें ने जाछ एनएच औसती एसोसिएशन का गठन कर सरकार व प्रशासन पर अपनी मांगों को लेकर दबाब बनाने का काम भी शुरू कर दिया है। उन्होंने करीब एक दर्जन मांगों को लेकर उपायुक्त कांगड़ा से भी मुलाकात कर उजाड़ने से पहले पुनर्वास  का प्रस्ताव रखा है। एसोसिएशन ने छह माह पहले उन्हें सूचित करने की मांग की है, जिससे वे नया ठिकाना बसा सकें।


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