टांकामारों से कोर्ट नहीं, विभाग निपटेगा

By: Mar 25th, 2018 12:02 am

परिवहन निगम का फैसला, अब पकड़े जाने पर रेगुलर कंडक्टरों के खिलाफ नियमानुसार होगी कार्रवाई

बिलासपुर— हिमाचल पथ परिवहन निगम में कार्यरत रेगुलर कंडक्टरों के औचक निरीक्षण के दौरान टांका लगाते हुए पकड़े जाने पर सीधे कोर्ट में चालान पेश नहीं होगा। विभागीय नियमों के अनुसार ही संबंधित कंडक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा प्रशिक्षु कंडक्टरों के टांका लगाते हुए पकड़े जाने पर अब पुलिस में एफआईआर भी दर्ज नहीं की जाएगी, बल्कि अन्य प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के मामलों में की जाने वाली कार्रवाई पर आगामी आदेशों तक फिलहाल रोक लगा दी गई है। निगम प्रबंधन पर कोर्ट केस के बढ़ते बोझ के चलते यह निर्णय लिया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक फ्लाइंग स्क्वायड व अन्य कर्मचारी और अधिकारी टीमों के औचक निरीक्षण के दौरान टांका लगाते हुए पकड़े जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाती है। पहले बड़े मामलों में सीधे कोर्ट में चालान पेश किए जाते थे, जिसके चलते कर्मचारियों और प्रबंधन को भी कोर्ट के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस जद्दोजहद में एक लंबा वक्त बीत जाता, जिस कारण कर्मचारी और प्रबंधन दोनों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ऐसे मामले सामने आने पर अब विभागीय जांच बिठाई जाएगी और सामने आए तथ्यों के आधार पर नियमानुसार ही संबंधित कर्मचारी के खिलाफ आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यही नहीं, गलती प्रूव होने पर संबंधित कर्मचारी का निलंबन, चार्जशीट या फिर बर्खास्त तक किए जाने का प्रावधान है। दूसरी ओर औचक निरीक्षण के दौरान टांका लगाते हुए पकड़े जाने पर प्रशिक्षु कंडक्टरों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज नहीं  करवाई जाएगी, बल्कि अन्य प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत टांका लगाते पकड़े गए प्रशिक्षु कंडक्टरों की सिक्योरिटी जब्त करने के अलावा ट्रेनिंग से हटाकर घर भेजने तक का प्रावधान है, क्योंकि एफआईआर दर्ज करने के बाद पुलिस को कई परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। वहीं, इस संबंध में निगम के महाप्रबंधक एचके गुप्ता ने कहा कि निगम में कार्यरत रेगुलर कंडक्टरों के टांका लगाते हुए पकड़े जाने पर अब सीधे कोर्ट में चालान पेश करने के बजाय विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। प्रशिक्षु कंडक्टरों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के बजाय अन्य प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

प्रबंधन पर बढ़ा मामलों का बोझ

विडंबना यह है कि वर्तमान में प्रबंधन पर कोर्ट केस का अधिक बोझ बढ़ गया है, जिस कारण प्रबंधन को कई तरह की परेशानियां आड़े आ रही हैं। परेशानी की मार से राहत पाने के लिए अब प्रबंधन ने रिव्यू करने के बाद ऐसे मामलों में अब कोर्ट में चालान पेश न करने का फैसला लिया है।


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