टेक्नोमैक की 90 % प्रोडक्शन फर्जी

By: Mar 24th, 2018 12:02 am

कागजों पर दिखाया जाता रहा झूठा कच्चा माल और ढुलाई

शिमला— करोड़ों के टैक्स चोरी करने वाली टेक्नोमैक कंपनी की सीआईडी जांच में नए खुलासे हो रहे हैं। सीआईडी जांच में सामने आया है कि कंपनी ने जितना प्रोडक्शन दिखाया है, वह करीब 90 फीसदी फर्जी है। इस तरह फर्जी कच्चा माल और तैयार उत्पाद कागजों पर ही दिखाया जाता रहा, लेकिन हकीकत में यह सब हुआ नहीं। सीआईडी जांच में यह भी सामने आया है कि कच्चा माल और तैयार उत्पाद को ढोने के लिए जो ट्रकों के नंबर दिए गए हैं, उनमें से करीब पचास फीसदी फर्जी हैं। सीआईडी जांच में सामने आया है कि इस कंपनी की माजरा स्थित फैक्टरी में फर्जी उत्पादन दिखाया जाता था। इसके लिए बाकायदा बाहर से कच्चा माल दिखाया जाता था, लेकिन हैरानी की बात है कि इसकी जांच तक नहीं की गई। यह भी सामने आया है कि इस कंपनी ने दिखाया है कि इसका माल रूस को बेचा जाता था। तैयार माल रूस में सप्लाई किया जाता था, ऐसा सीआईडी को मिले कुछ दस्तावेजों में सामने आया है, लेकिन जांच में सामने आया है कि यहां दिखाई गई नब्बे फीसदी प्रोडक्शन फर्जी है। यानी यह फैक्टरी फर्जी उत्पादन दिखाकर बैंकों से लोन लेती रही और सरकार को भी करोड़ों का चूना लगाती रही। ऐसे में अब जांच एजेंसी फैक्टरी में होने वाले उत्पादन में होने वाले गड़बड़झाले की जांच कर रही है। उल्लेखनीय है कि इंडियन टैक्नोमेक कंपनी ने सिरमौर के माजरा में 2008 में उद्योग शुरू किया था। इसमें कंपनी की ओर से स्टील तैयार किया जाता था व कुछ अन्य उत्पादन भी किया जाता था, लेकिन फैक्टरी में उत्पादन नाममात्र का किया गया और कागजों में इससे अधिक दिखाया गया। कंपनी ने कुल मिलाकर करीब छह हजार करोड़ का फर्जीवाड़ा किया गया है।

एंट्री प्वाइंट पर क्यों नहीं हुई चैकिंग

जांच एजेंसी को आशंका है कि कंपनी अपने आधार पर ऐसा नहीं कर सकती। यदि यहां उत्पादन कम किया जा रहा था, तो उसकी जांच क्यों नहीं हुई। राज्य के एंट्री प्वाइंट पर उसे चैक क्यों नहीं किया गया। बाहर से किसी भी माल के प्रदेश में आने पर इसके बिल दिखाने होते हैं। इस फर्जीवाड़े में सीआईडी की नजरें अब आबकारी एवं कराधान विभाग पर टिक गई हैं।


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