…ताकि कायम रहे कसौली की खूबसूरती

By: Mar 23rd, 2018 12:05 am

कसौली – पर्यटन स्थल कसौली की प्राकृतिक सौंदर्यता को बरकरार रखने का जिम्मा अब यहां के होटल और पंचायत खुद उठाएंगे। कचरा प्रबंधन को कसौली की पंचायतों की और से जमीन की व्यवस्था व होटलों की और से मशीनरी की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए यहां के लोगों को सरकार की मदद मिलने की भी उम्मीद है। पर्यटन स्थल कसौली की धर्मपुर, कसौली-गड़खल, कसौली-सनावर पंचायत वीरवार को प्रदूषण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय परवाणू द्वारा आयोजित एक कार्यशाला में होटल व्यवसायियों के साथ एक मंच पर इकट्ठा हुई। जहां बोर्ड की ओर से एन्वायरमेंट इंजीनियर सुरेंद्र शांडिल, एसडीओ ललित, जेई अनिल, शिवालिक सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट की ओर से राहुल, विशेषज्ञ डा. एन विशारद सिंह ने कचरा प्रबंधन के विभिन्न तरीकों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि व्यक्ति विशेष की निजी तौर पर वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर काम करना होगा। तभी इस समस्या को पूरी तरह हल किया जा सकता है। इस दौरान उपस्थित प्रतिनिधियों ने एनजीटी व संबंधित विभागों के प्रदूषण व अन्य मामलों में नरमी बरतने की बात कही। जिससे कसौली के होटल व्यवसाय को और अधिक नुकसान न हो।

अपने स्तर पर चलाएंगे पायलट प्रोजेक्ट

कार्यशाला के दौरान होटल व्यवसायी व पंचायत प्रतिनिधियों के बीच कचरा प्रबंधन को लेकर पायलट प्रोजेक्ट चलाने की आम राय बनी। इसमें पंचायत के सरकारी जमीन उपलब्ध कराने पर 500 किलोग्राम कचरे की रोजाना रिसाइकिलिंग को लेकर 25 लाख की मशीनरी लगाने की बात कही गई। व्यवसायी वेद गर्ग ने कहा कि इस प्रोजेक्ट की सफलता पर इसे और बेहतर बनाने का प्रयास होगा।

पॉल्यूशन पर बने बेहतर पोलिसी

प्रदेश में पॉल्यूशन मैनेजमेंट के नियम जरूर बने हैं पर यहां प्रबंधन की व्यवस्था का अभाव है, जिसका खामियाजा एनजीटी जैसी करवाई के रूप में प्रदेश के होटल कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है। होटल कारोबारी अनिल रंजन ने नियमों में बदलाव के साथ प्रबंधन में सुधार की उम्मीद जताई।

होटलों पर उद्योगों जैसी सख्ती नहीं जायज

होटल व्यवसायी आईएस चड्डा ने कहा कि होटल से उद्योगों की तरह हानिकारक कचरा नहीं निकलता है। ऐसे में होटल उद्योग को एक ही नियम के तराजू में नहीं तोला जाना चाहिए।


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