नेशनल हाई-वे पर तपा सदन

By: Mar 29th, 2018 12:08 am

विपक्ष का आरोप, केंद्र सरकार ने चुनाव में फायदे के लिए की थी एनएच की घोषणा

शिमला— हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बुधवार का दिन मोदी सरकार द्वारा घोषित किए गए नेशनल हाई-वे की राजनीति में ही उलझा रहा। जहां प्रश्नकाल में इस मुद्दे पर विपक्ष, सत्तापक्ष को घेरने में जुटा रहा, वहीं अनुदान मांग में भी विधायकों  के मुंह पर नेशनल हाई-वे का मुद्दा छाया रहा। विपक्ष ने भाजपा पर आरोप लगाया कि चुनाव से ठीक पहले जानबूझकर राजनीतिक लाभ लेने के लिए नेशनल हाई-वे घोषित करवाए गए। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस पर दोटूक कहा कि भाजपा इन राष्ट्रीय राजमार्गों पर राजनीति नहीं कर रही, बल्कि राजनीति कांग्रेस ने की थी। कांग्रेस ने अपने कार्यकाल के डेढ़ साल में जानबूझकर इनको लटकाने का काम किया। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग कागजों में नहीं धरातल पर दिखाई देंगे। प्रदेश सरकार का यह प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द यहां एनएच का काम सिरे चढ़ाया जाए। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने तीन माह के अंतराल में 43 एनएच के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दिए हैं और कांगे्रेस के डेढ़ साल में केवल आठ कंसल्टेंट ही लग पाए थे। सदन में प्रश्नकाल के दौरान एनएच का मामला जोर-शोर से उठा, जिस पर विपक्ष के विधायकों ने भी सरकार की घेराबंदी में कोई कसर नहीं छोड़ी। मुकेश अग्निहोत्री ने अनुपूरक सवाल करते हुए भाजपा पर एनएच को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि ये राजमार्ग पूरी तरह से राजनीतिक हैं, केवल चुनाव के नजरिए से इनकी घोषणा की गई थी। उन्होंने कहा कि जो सड़कें जिला या स्टेट हाई-वे भी नहीं थीं, उनको भी एनएच में शामिल कर लिया गया। मुकेश ने कहा कि 65 हजार करोड़ रुपए का हल्ला मचाया गया है, लेकिन धरातल पर कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। इसपर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि 17 एनएच की घोषणा धर्मशाला में तत्कालीन परिवहन मंत्री जीएस बाली के सामने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने की थी। जयराम ठाकुर ने एनएच के काम में देरी को लेकर पूरी तरह से कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया तथा कहा कि अब उनकी सरकार में विलंब नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रदेश की जनता पांच साल में बड़ा अंतर देखेगी, जोकि 50 साल में नहीं देखा। विधायक सतपाल रायजादा के अनुपूरक सवाल पर जयराम ठाकुर ने कहा कि ऊना-कसोली-बड़सर सड़क को नाबार्ड से पैसा आया है, जिस पर उसका काम शुरू करवा दिया जाएगा। एक अन्य अनुपूरक सवाल पर मुख्यमंत्री ने एनएच को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने इसके लिए सैद्धांतिक स्वीकृति दी है। कंसल्टेंसी के लिए 270 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इनकी डीपीआर बनेगी, जिसके बाद केंद्र सरकार धन जारी करेगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में परिवहन का एक मात्र साधन सड़कें ही हैं। रेल नेटवर्क अभी तक गति नहीं पकड़ सका है तथा एयर कनेक्टिविटी भी नहीं है। विधायक हर्षवर्धन चौहान के एक अनुपूरक सवाल पर सीएम ने कहा कि जब तक एनएच पर काम शुरू नहीं हो जाता, तब तक प्रदेश सरकार उन सड़कों की मेंटेनेंस के लिए स्वयं जिम्मेदार है।


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