पंचमुखी शिक्षा का परचम लहरातीं वनस्थली की बेटियां

By: Mar 9th, 2018 12:06 am

नई दिल्ली— संपूर्ण भारत वर्ष जहां फ्लाइंग ऑफिसर अवनी चतुर्वेदी, मिग-21 की प्रथम महिला एकल पायलट के कारनामे को आधुनिकता के आनंददायक परिणाम के रूप में देख रहा है, वहां वनस्थली विद्यापीठ के लिए यह एक परंपरा है। अवनी चतुर्वेदी का यह विद्यास्थल, जो कि राजस्थान में जयपुर के पास स्थित है, अपनी अनूठी पंचमुखी शिक्षा पद्धति द्वारा पीढि़यों सें नेतृत्व के गुणों से परिपूर्ण महिलाओं का विकास कर रहा है। अपनी 83 वर्ष से लंबी परंपरा में वनस्थली की छात्राएं राज्यपाल, प्रशासनिक अधिकारी, व्यापार जगत की प्रबंधक, प्रसिद्ध गायिकाएं, पेंटर, खिलाड़ी, समाजसेवी, कलाकार, अग्रणी डिजाइनर व उद्यमी बनती रही हैं। प्रथम महिला होने की अपनी लंबी फेहरिस्त में वनस्थली विद्यापीठ ने भारत को पहली महिला लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, राजस्थान विधानसभा की पहली महिला स्पीकर सुमित्रा सिंह, पहली महिला एशियन मैराथन चैंपियन सुनीता गोदारा, हालीवुड में प्रथम महिला फिल्म संपादक अनुराधा सिंह और एयर इंडिया की सबसे लंबी उड़ान की प्रथम महिला क्रू की पायलट कैप्टन रम्याकीर्ति गुप्ता इत्यादि शुमार हैं। स्थापना वर्ष, 1935 से ही वनस्थली विद्यापीठ के संस्थापकों पंडित हीरालाल शास्त्री एवं पद्मश्री रतन शास्त्री में यहां की अनुपम शिक्षा को व्यक्तिगत उपागम प्रदान करते हुए पंचमुखी शिक्षा, अर्थात बौद्धिक, व्यावहारिक, कलात्मक, नैतिक एवं शारीरिक शिक्षा के संयोजित स्वरूप से प्रत्येक छात्रा के व्यक्तिव को निखारने का उत्तरदायित्व लिया। केवल मात्र छह छात्राओं से आरंभ हुआ विद्यापीठ आज विश्व में महिलाओं का वृहद्तम पूर्णतया आवासीय विश्वविद्यालय बन चुका है। 850 एकड़ में फैले विद्यापीठ परिसर में 25 अकादमिक ब्लॉक, 47 छात्रावास, क्रीड़ा मैदान, फ्लाइंग क्लब एवं नर्सरी से पीएचडी तक की शिक्षा प्राप्त करती 15000 छात्राएं हैं। अवनी चतुर्वेदी ने 2010 में वनस्थली विद्यापीठ के बीटेक (कंप्यूटर साइंस) पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था। इसके बाद उसका सीखने का सफर नहीं थमा और 19 फरवरी, 2018 को उन्होंने अकेले लड़ाकू विमान उड़ा सबको दिखा दिया कि वह किसी से कम नहीं।


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