पीजीटी आईपी अब बना दिए लाइब्रेरियन

By: Mar 16th, 2018 12:01 am

शिमला – प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पीजीटी कम्प्यूटर शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने लाइब्रेरियन का चार्ज सौंपा है। इस बारे में स्कूल प्रबंधनों को शिक्षा विभाग की ओर से आदेश मिले हैं। स्कूलों में कार्यरत कम्प्यूटर शिक्षक दो साल से लाइब्रेरियन का एक्सट्रा चार्ज संभालने के लिए मजबूर हैं। बता दें कि सरकारी स्कूलों में कार्यरत कम्प्यूटर टीचर सभी ऑनलाइन योजनाएं देख रहे हैं, ऊपर से विभाग की ओर से उन्हें अब लाइब्रेरियन का जिम्मा सौंपा गया है। इससे पहले यह चार्ज सी एंड वी शिक्षकों को सौंपा जाता था। उल्लेखनीय है कि सरकारी स्कूलों में पहले से ही कम्प्यूटर शिक्षा लेने के लिए छात्रों से 110 रुपए वसूले जाते हैं। अब शिक्षकों पर दूसरे कार्यों का इतना बोझ डाल दिया गया है कि कक्षाएं लगाने तक का समय शिक्षकों को नहीं मिल पाता है। जानकारी के अनुसार स्कूलों में शुरू की गई ऑनलाइन योजना को सफल बनाने के लिए कम्प्यूटर शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। इस ट्रेनिंग के लिए शिक्षकों को रोजाना स्कूलों से ट्रेनिग सेंटर जाना पड़ रहा है जिस वजह से छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।

चार्ज लेने से इनकार

हिमाचल प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पीजीटी आईपी शिक्षकों पर थोपा गया लाइब्रेरियन का चार्ज उन्हें रास नहीं आ रहा है। कम्प्यूटर शिक्षकों का आरोप है कि राज्य और केंद्र सरकार द्वारा चलाए गए  जितने भी ऑनलाइन कार्यक्रम हैं, वे आईटी शिक्षकों के हवाले ही हैं। अनुबंध अध्यापक  संघ  ने  मांग की है कि कम्प्यूटर साइंस आवश्यक विषय के रूप में लागू होना चाहिए और सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही कम्प्यूटर शिक्षकों पर गैर शिक्षक कार्यों का बोझ न डाला जाए। अनुबंध अध्यापक संघ के पूर्व अध्यक्ष भूपेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस तरह के फरमान अगर शिक्षा विभाग ने स्थगित नहीं किए तो संघ विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल देगा।


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