महिलाओं के पहरे में जंगल

By: Mar 7th, 2018 12:03 am

ऊना जिला में आठ महिला फोरेस्ट गार्ड दे रहीं ड्यूटी

ऊना— जिला के घने जंगलों की रखवाली भी अब ऊना में महिलाओं के कंधों पर है। वन विभाग की आठ महिला फोरेस्ट गार्ड मौजूदा समय में इन जंगलों में जाकर अमूल्य वन संपदा की रक्षा में जुटी हैं। यह चुनौतीपूर्ण काम महिलाएं बखूबी निभा रही हैं। बेशक विभाग की ओर से इन महिला गार्ड की सुरक्षा को लेकर कोई अतिरिक्त जवानों की तैनाती नहीं की गई है, इसके बावजूद महिलाएं वन बीट क्षेत्र में अकेले ही वन विभाग की रखवाली का जिम्मा लिए हुए हैं। जब भी कभी वन क्षेत्र में वन काटुओं के होने की खबर व अवैध कटान की सूचना मिलती है, तो टीम में वन टास्क फोर्स गश्त करती है। जिला के वनक्षेत्र की रक्षा करने में 78 फोरेस्ट गार्ड लगाए गए हैं, जिनमें से आठ महिला गार्ड भी यह कार्य बखूबी निभा रही हैं। एक महिला गार्ड के वन बीट क्षेत्र में करीब 700 हेक्टेयर वन क्षेत्र आता है, जिसमें वन संपदा बचाने की जिम्मेदारी इन महिलाओं के कंधों पर होती है। वन विभाग ने बकायदा इन महिलाओं को प्रशिक्षण देकर इन्हें फील्ड में उतारा है। बेशक इन महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर तो सिखाए गए हैं, लेकिन इन्हें विभाग की ओर से रक्षा के लिए कोई हथियार भी नहीं दिए गए हैं, जिसके चलते ये महिलाएं निहत्थे जुटी हुई हैं। ऊना के डीएफओ यशुदीप सिंह ने आठ महिलाओं की तैनाती की पुष्टि की है।

ये हैं तैनात

विभाग के अनुसार उषा देवी बढेड़ा बीट क्षेत्र, शशिबाला बहडाला, आरती ऊना, मधुबाला अरलू, कविता पिपलू, ज्योति देवी करियाणा, ज्योति शर्मा ध्यूंसर तथा अंकिता अमरोह वन बीट में तैनात हैं। बेशक ये हिमाचली बालाएं बेखौफ होकर ड्यूटी घने व डरावने जंगलों में देती हैं, लेकिन किसी भी महिला गार्ड को वन विभाग ने अभी तक उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित नहीं किया है।


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