राम नाम से गुंजायमान हुआ चंडीगढ़ सेक्टर-47

By: Mar 25th, 2018 12:02 am

चंडीगढ़— श्री राम मंदिर सेक्टर 47-डी चंडीगढ़ द्वारा मंदिर परिसर में पांच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया है। कथा के तीसरे दिन दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक एवं संचालक आशुतोष महाराज की परम शिष्या कथा व्यास साध्वी अदिति भारती ने सीता स्वयंवर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश-विदेश से राजा, महाराजा, राजकुमार, देवतागण और राक्षस धनुष-यज्ञ में पहुंचे थे, लेकिन उसे तोड़ना तो दूर कोई उसको तिनके की भाँति हिला भी नहीं पाया। तब मुनिवर विश्वामित्र जी ने प्रभु श्री राम को धनुष तोड़ने की आज्ञा दी। विश्वामित्र जी ने धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाने की जगह धनुष तोड़ने की बात कही।  वे हमें समझाना चाहते हैं कि अहंकार को बढ़ाना नहीं चाहिए अपितु इसे तोड़ देना चाहिए, योेंकि यह अहंकार ही भक्त और भगवान में दूरी पैदा करता है। महाराज जनक की सभा में बहुत से अभिमानी राजा पहुंचे थे, जिन्होंने कुछ भी नहीं किया फि र भी वे सर उठाए बैठे थे लेकिन प्रभु श्री राम ने इतने बड़े कार्य को संपन्न क रने के बाद भी सर झुकाया हुआ था। प्रभु अपने चरित्र से हमें यह समझाना चाहते हैं कि मनुष्य को कभी भी किसी कार्य में सफ लता मिलने पर अहंकार नहीं करना चाहिए।


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