रैत में पाकिस्तान मुर्दाबाद

By: Mar 23rd, 2018 12:03 am

शहीद की पार्थिव देह देखते ही लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर, जमकर किया प्रदर्शन

शाहपुर— कुपवाड़ा से शहीद हुए शाहपुर विधानसभा के रैत के जोरावर सिंह की पार्थिव देह को गुरुवार को योल कैंट में हेलिकाप्टर द्वारा लाया गया। यहां से सेना की गाड़ी पार्थिव को लेकर देर शाम जोरावर सिंह के पैतृक गांव रैत पहुंची। शहीद का अंतिम संस्कार शुक्रवार को किया जाएगा।  लाड़ले को श्रद्धांजलि देने के लिए स्थानीय कारोबारियों ने रैत बाजार बंद रखा। पार्थिव देह के पहुंचते ही लोगों ने पाकिस्तान  मुर्दाबाद के नारे लगाकर पड़ोसी देश के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान समूचे रैत में बाजार में भी सन्नाटा पसरा रहा। प्रशासन की ओर से उपमंडल अधिकारी (ना.) जगन ठाकुर, तहसीलदार रोशन लाल, नायब तहसीलदार दीक्षांत ठाकुर शहीद के परिवार को ढाढस बंधाते रहे। इसके अतिरिक्त शहरी विकास मंत्री सरवीन चौधरी, युवा कांग्रेस नेता केवल सिंह पठानिया ने भी जोरावर सिंह के घर पहुंच कर शहीद के परिजनों को ढाढस बंधाया। गुरुवार देर शाम जैसे ही सेना की गाड़ी शहीद जोरावर की पार्थिव देह   को लेकर रैत पहुंची तो लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया तथा हर तरफ पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे गूंजने लगे । लोगों ने जमकर प्रदर्शन किया।

बीजों में फूट आए अंकुर, पर …

दो माह पहले घर आए जोरावर सिंह ने अपना नया मकान बनाया था, जिसकी  प्रतिष्ठा करने की तैयारियां कर वह वापस सेना में लौटा था। किचन गार्डनिंग का शौक रखने वाले जोरावर ने उन्नत किसान की तरह बेकार पड़ी प्लास्टिक की बोतलों को काट कर बांस की मचान बनाकर उनमें अलग-अलग बीज डाले थे, जिनके अभी अंकुर फूट चुके हैं।

सबको निहारती रही मासूम आंखें

शहीद जोरावर सिंह की दो बेटियां हरितिका और कृतिका व एक बेटा रुद्रांश है। बेटियां आठवीं व पांचवीं में पढ़ती हैं, जबकि रुद्रांश अभी पहली में पढ़ता है, जिसे न तो ताबूत की जानकारी  है और न ही पापा के शहीद होने का मकसद, वह बस शीतल आंखों सें सबकों निहारता रहा। वहीं शहीद की मां और पत्नी सदमे से निढाल थी।

 


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