वाटरगार्ड्स के लिए नीति बनाए सरकार
शिमला – हिमाचल प्रदेश सिंचाई एवं जनस्वास्थ्य विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने प्रदेश सरकार से वाटरगार्डों हेतु जल्द स्थायी नीति बनाने की मांग की है। महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एलडी चौहान व महासचिव पंचम कटोच ने कहा कि प्रदेश में लगभग 6220 वाटरगार्ड्स के स्वीकृत पद हैं, जिनमें से लगभग पांच हजार पद भरे जा चुके हैं। विभाग का महत्त्वपूर्ण कार्य संभाल रहे वाटरगार्ड कई वर्षों से विभाग की योजनाओं को अमलीजामा पहना रहे हैं। पंचायतों के माध्यम से घर-घर पानी देना इनकी ड्यूटी है। वाटर गार्डों को सरकार द्वारा 1700 मासिक वेतन दिया जाता है, जो महंगाई के इस दौर में बिलकुल भी उचित नहीं है। इतना ही नहीं, कई महीनों से वेतन ही नहीं दिया गया है। पंचायत प्रतिनिधियों की सुस्ती की वजह से कई जगह अभी तक 1500 सैलरी ही मिल रही है, जो भी कई महीनों रुकी हुई है। महासंघ के अध्यक्ष एलडी चौहान ने कहा कि जिस तरह शिक्षा विभाग में वाटर कैरियर के लिए ठोस नीति बनी है उसी तरह सिंचाई विभाग में भी वाटरगार्ड्स हेतु ठोस नीति बने।
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