व्यवसायी को बेच डाली तकनीकी विश्वविद्यालय की जमीन

By: Mar 29th, 2018 12:09 am

हमीरपुर में राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने आला अफसरों की आंखों में धूल झोंककर अंजाम दिया बड़ा कारनामा

हमीरपुर— तकनीकी विश्वविद्यालय (टीयू) हमीरपुर के लिए चिन्हित फोरेस्ट लैंड फर्जीबाड़े से व्यवसायी को बेचने का मामला सामने आया है। राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने आला अफसरों की आंखों में धूल झोंककर यह कारनामा कर दिखाया। निशानदेही के दौरान हुए इस खुलासे के बाद तकनीकी विश्वविद्यालय प्रबंधन से लेकर जिला प्रशासन तक में हड़कंप मचा हुआ है। गौर हो कि तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर का दड़ूही में निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माणाधीन एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक के साथ लगती जमीन पर एक नामी व्यवसायी ने तकनीकी विश्वविद्यालय का काम रुकवा दिया। व्यवसायी का दावा था कि यह जमीन उसने स्थानीय व्यक्ति से खरीदी है। इस आधार पर जमीन की शुरू हुई निशानदेही में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। तकनीकी विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए प्रस्तावित जमीन का कुछ हिस्सा 14 अगस्त, 2017 को व्यवसायी के नाम बिक चुका था। इसकी बाकायदा राजस्व रिकार्ड में एंट्री दर्ज है। रजिस्ट्री के आधार पर इस जमीन का इंतकाल भी व्यवसायी के नाम कर दिया गया है। हैरत है कि उक्त भूखंड खुदरो दरख्तान होने के कारण यह मामला पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेजा गया है। जाहिर है कि इस फोरेस्ट लैंड पर बिना मंत्रालय की मंजूरी के निर्माण संभव नहीं था। इसके चलते तकनीकी विश्वविद्यालय लंबे समय से मंत्रालय के चक्कर काट रहा है। इसी बीच, राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने तकनीकी विश्वविद्यालय की प्रोपोज्ड फोरेस्ट लैंड की सेल डीड कर डाली। आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि दडूही में करीब दो दशक पहले भूमिहीनों को प्लाट आबंटित किए गए थे। तकनीकी विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य आरंभ होने पर सभी लाभार्थियों ने भूमि तबादला के लिए एसडीएम हमीरपुर के पास अर्जी दायर की। इस दौरान यह दलील दी गई कि भूमिहीनों को प्लाट कहीं और मिले हैं और मौके पर कब्जा कहीं और है। बहरहाल सुनवाई के दौरान फैसला लाभार्थी के हक में हो गया। इसके बाद राजस्व विभाग के कुछ कर्मचारियों ने तबादला लैंड को तकनीकी विश्वविद्यालय की प्रोपोज्ड वन भूमि को ही दर्ज कर दिया। सुनियोजित ढंग से इस फोरेस्ट लैंड की अलॉटी लैंड होल्डर से निजी व्यवसायी को सेल डीड भी करवा दी। चूंकि अब दडूही में तकनीकी विश्वविद्यालय का निर्माण युद्ध स्तर पर चल रहा है। इसी कड़ी में तकनीकी विश्वविद्यालय परिसर की चार दीवारी का कार्य चल रहा था। प्रशासनिक भवन से सटी जमीन पर मालिकाना हक जताने पहुंचे व्यवसायी के दावे के बाद इस सारे मसले की पोल खुल गई। अब तकनीकी विश्वविद्यालय एसडीएम हमीरपुर में रिव्यू पिटीशन कर रहा है। इसके अलावा गुप्तचर विभाग और स्टेट विजिलेंस एंड एंटी क्रप्शन ब्यूरो की टीमें भी मामले की पड़ताल में जुट गई हैं।


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