सभी के लिए बने ट्रांसफर पालिसी

By: Mar 9th, 2018 12:10 am

राजकीय अध्यापक संघ ने स्थानांतरण अधिनियम पर सरकार को दिए सुझाव

शिमला — स्थानांतरण अधिनियम, 2018 सभी कर्मचारियों एवं अधिकारियों के लिए बनाया जाए न  केवल शिक्षक वर्ग के लिए। यदि सरकार प्रदेश के सभी कर्मचारियों के लिए अधिनियम बनाती है तो वह कदम स्वागत योग्य होगा। यह बात हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने कही। उन्होंने मौजूदा मसौदे पर संघ की ओर से सरकार के समक्ष सुझाव पेश किए हैं। उन्होंने कहा कि प्रथम नियुक्ति तथा पदोन्नति की स्थिति में सभी अध्यापकों की पोस्टिंग/ नियुक्ति आदेश अनिवार्य रूप से ई, डी और सी जोन में वरिष्ठता, मेरिट के आधार पर निम्न क्रम से शुरू की जाए। अनुसूचित जनजाति कोटे से की गई सभी नियुक्तियों एवं पदोन्नतियों में की गई प्रथम नियुक्ति आदेश अनिवार्य रूप से जनजातिय क्षेत्र में की जाए। अधिनियम के परिपेक्ष में मौजूदा आवास भत्ता की दर केंद्र की तर्ज पर मूल वेतन का 20 प्रतिशत किया जाए। जोन सी, डी और ई में सेवारत अध्यापकों के लिए विशेष भत्ते के रूप में मूल वेतन का क्रमशः 10, 12, और 15 प्रतिशत प्रदान किया जाए।  वहीं, जिन अध्यापकों की उम्र 50 वर्ष या इससे अधिक है, उन्हें जोन सी, डी, ई में स्थानांतरण की छूट दी जाए। स्वेच्छा से चाहे गए स्थानांतरण में यह शर्त लागू न समझी जाए। 50 वर्ष से अधिक के अध्यापकों को मौजूदा मसौदा के पैरा नंबर-9 के अंतर्गत 10 अंकों का प्रावधान किया जाए। शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों को टीजीटी का पदनाम दिया जाए। जिला संवर्ग के अध्यापकों के लिए अंतर जिला स्थानांतरण के लिए जरूरी 13 वर्ष की शर्त को घटाकर पांच वर्ष तथा स्थानांतरण कोटे को एक प्रतिशत से बड़ा कर 10 प्रतिशत किया जाए।

संगठन की मांगों में ये मुद्दे भी शामिल

अध्यापक संघ ने मांग की है कि मान्यता प्राप्त सभी अध्यापक संगठनों के प्रदेशाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव, वित्त सचिव एवं सभी जिलों के अध्यक्षों एवं महासचिवों को इस एक्ट के दायरे से बाहर रखकर उन्हें मनपसंद स्थानों पर नियुक्ति दी जाए। महिलाओं और तृतीय लिंग की श्रेणी में कुल 10 अंकों के प्रावधान के बावजूद इस श्रेणी को पांच अंक दिए जाना तर्कसंगत नहीं है। महिला अध्यापकों के नवजात शिशु के तीन वर्ष तक की अवधि तक उनके पालन पोषण के लिए अंक तालिका में पांच अंकों का प्रावधान किया जाए। जिन अध्यापकों के माता-पिता एवं बच्चे व पति-पत्नी असाध्य बीमारी से ग्रस्त हैं, उन्हें अंक तालिका में 10 अंकों का प्रावधान रखा जाए। जिन अध्यापकों के बच्चे पहली से आठवीं तक सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे हैं, उन्हें 10 अंक और नौवीं से बारहवीं तक को पांच अंकों का प्रावधान किया जाए। महिला शिक्षकों की शादी की स्थिति में वार्षिक स्थानांतरण के वक्त निर्धारित जोन के न्यूनतम कार्यकाल में छूट दी जाए।


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