हरियाणा में वैज्ञानिक तरीके से खेती

By: Mar 25th, 2018 12:02 am

किसानों की आय में इजाफा करने को ठोस कदम उठाएगी सरकार

रोहतक— रियाणा में प्रगतिशील किसानों की पहचान कर उनके जरिए कृषि को वैज्ञानिक तरीके अपनाकर बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को कृषक नेतृत्व शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि हरियाणा के प्रत्येक जिले में बड़ी संख्या में प्रगतिशील किसान हैं जिनकी पहचान की जानी चाहिए। एक प्रगतिशील किसान कम से कम दस किसानों को वैज्ञानिक ढंग से खेती करने का प्रशिक्षण दे। उन्होंने कहा कि दिल्ली एक बड़ा बाजार है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में चार करोड़ लोग रहते हैं जहां बड़े पैमाने पर दूध, फल, सब्जी और खाद्यान्न की खपत होती है। हरियाणा के किसानों को वहां बड़ा बाजार मिल सकता है। बिक्री के लिए अपने उत्पाद वहां ले जाने से किसानों की आय बढ़ेगी। श्री खट्टर ने कहा कि हरियाणा में सब्जियों की चार किस्में आलू, प्याज, टमाटर और गोभी की खेती करने वाले किसानों को हर हालत में लागत मूल्य उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि किसानों का फसलों से होने वाला घाटा रोकने के लिए किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि उद्योगपति और व्यापारी तो अपने उत्पादों की कीमत खुद तय करते हैं लेकिन किसानों को यह अवसर नहीं मिलता है।  उन्हें बाजार पर निर्भर रहना पड़ता है। खेती जोखिम भरा काम है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से केवल आठ फसलों का ही बीमा का लाभ मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह चाहते हैं कि हरियाणा में किसान मिलजुलकर खेती करें और पानी का सदुपयोग करें।  उन्होंने कहा कि पानी को राष्ट्रीय सम्पदा घोषित किया जाना चाहिए। हरियाणा में सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को बढ़ावा दिया जा रहा है और 293 नहरों में अंतिम छोर तक पानी पहुंचा दिया गया है।


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