25% दाखिला दोे, वरना मान्यता रद्द

By: Mar 27th, 2018 12:20 am

प्रदेश भर के निजी स्कूलों को पहली और छठी कक्षा में आरक्षित वर्ग के बच्चों को देनी होगी एडमिशन

धर्मशाला  –हिमाचल प्रदेश में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा का अधिकार-2009 को पूरी तरह से लागू करने की अनुमति सरकार ने प्रदान कर दी है। इसके चलते अब राज्य के प्राइवेट स्कूलों को पहली के साथ-साथ छठी कक्षा में भी 25 प्रतिशत दाखिले आरक्षित वर्ग और गरीब परिवारों के बच्चों को देना अनिवार्य कर दिया गया है। 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित वर्ग को प्रदान न किए जाने पर किसी भी प्राइवेट स्कूल को मान्यता प्रदान नहीं की जाएगी। प्राइवेट स्कूलों को पहली कक्षा के छात्र को डेढ़ किलोमीटर और छठी कक्षा में तीन किलोमीटर के दायरे में आने वाले छात्र को एडमिशन प्रदान करनी होगी। अब तक 25 प्रतिशत दाखिले से बचने वाले निजी स्कूलों पर शिक्षा का अधिकार आरटीई का डंडा चलेगा। इसके चलते अब गरीब परिवारों के बच्चों को भी अपने घर के पास ही अच्छी शिक्षा प्राप्त करने का मौका मिल सकेगा। 25 प्रतिशत छात्रों की प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा पूरी तरह से मुफ्त होगी। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा छात्र की एजुकेशन में होने वाले खर्च का वहन किया जाएगा। शिक्षा का अधिकार-2009 में शुरू होने के बाद से ही प्राइवेट स्कूलों में 25 प्रतिशत आरक्षित वर्ग और गरीब परिवारों के छात्रों को प्रदान किए जाने का प्रावधान किया गया था] लेकिन अब तक प्राइवेट स्कूलों ने अपनी मनमानी करते हुए 25 प्रतिशत आरक्षित सीटों को कभी छात्रों को प्रदान ही नहीं किया गया। अब पहली अप्रैल से शुरू हो रहे शैक्षणिक सत्र 2018-19 में प्राइवेट स्कूलों को अपनी मनमानी करना और आरटीई के नियमों की अवहेलना करना खूब महंगा पड़ेगा। 25 प्रतिशत सीटें एससी, एसटी, ओबीसी, बीपीएल और आईआरडीपी के छात्रों को प्रदान न करने पर स्कूलों में ताले लटक जाएंगे। इससे पहले प्राइवेट स्कूल आरटीई के नियमों का तोड़-मरोड़ कर दाखिला प्रदान करने से बच जाते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा।  वहीं प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कांगड़ा दीपक किनायत ने बताया कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत पहली के डेढ़ और छठी के तीन किलोमीटर के भीतर निजी स्कूलों को दाखिला प्रदान करना अनिवार्य होगा। आरक्षित वर्ग को दाखिला न देने वाले स्कूलों की मान्यता रद्द कर दी जाएगी।

पात्र छात्रों को मिलेगी मुफ्त शिक्षा

निजी स्कूलों में दाखिले के लिए पात्र परिवारों को शिक्षा विभाग के ब्लॉक एजुकेशन अधिकारी से प्रमाण-पत्र प्राप्त करना होगा, जिसके आधार पर छात्रों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिला लेने से कोई नहीं रोक सकेगा। प्राइवेट स्कूलों में दाखिला प्राप्त करने वाले बच्चों को मुफ्त एजुकेशन प्रदान की जाएगी।


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