47 पेयजल योजनाएं मिटाएंगी सूखा

By: Mar 29th, 2018 12:06 am

 मंडी —सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य बागबानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि आगामी गर्मियों के मौसम में प्रदेश के ग्रामीण व दूरदराज के सूखा संभावित क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी और इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से धन की समुचित व्यवस्था की गई है। महेंद्र सिंह ठाकुर उपायुक्त कार्यालय सभागार में मंडी जिला में सूखे की स्थिति से निपटने के उपायों पर आयोजित प्रशासनिक व विभागीय अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में मंडी लोक सभा क्षेत्र से सांसद रामस्वरूप शर्मा व सुंदरनगर से विधायक राकेश जम्वाल भी उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि मंडी जिला में वर्तमान में सूखा संभावित क्षेत्रों में पानी की अतिरिक्त आपूर्ति के लिए 47 योजनाओं को आपस में जोड़ने तथा 160 हैंडपंप स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिस पर लगभग छह करोड़ 50 लाख रुपए व्यय होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त बंद पडे़ 121 हैंडपंपों को दोबारा चालू हालत में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन पेयजल योजनाओं का कार्य 75 प्रतिशत से अधिक पूर्ण हो चुका है, उन्हें समयबद्ध पूरा करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिए गए हैं। इसके लिए दो चरणों में लगभग 32 करोड़ रुपए की राशि व्यय करने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से आग्रह किया कि वे पेयजल से संबंधित जन प्रतिनिधियों तथा अन्य लोगों की शिकायतों व समस्याओं को व्यक्तिगत तौर पर कार्यालय में और दूरभाष पर भी सुनें और इनके त्वरित निस्तारण के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिला में सूखा पड़ने की स्थिति में पशुपालन विभाग को लगभग 1200 क्विंटल तूड़ी व पशु आहार की आवश्यकता रहेगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में मंडी जिला में कुल बीजित 71500 हेक्टेयर भूमि में से 3450 हेक्टेयर भूमि में लगभग 3670 मीट्रिक टन रबी फसलों को सूखे जैसी स्थिति से नुकसान पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इसकी भरपाई व समस्या के निदान  के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।  उन्होंने कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सूखाग्रस्त क्षेत्र में आने वाली संभावित पंचायतों को चिन्हित करें और इनमें पेयजल आपूर्ति बनाए रखने के लिए कम समय अवधि में लागू किए जा सकने वाले विकल्प प्रस्तुत करें। ऐसे क्षेत्रों में गर्मियों में पेयजल आपूर्ति के लिए हैंडपंप, ट्यूबवेल, बोरवेल व टैंकर इत्यादि लगाने की संभावनाएं तलाश की जा रही हैं। इसके अतिरिक्त दो या अधिक योजनाओं को आपस में जोड़कर भी समस्या का समाधान करने के निर्देश उन्होंने दिए। उन्होंने कहा कि जल विज्ञानी की सहायता से भू-जल की स्थिति पता कर हैंडपंप इत्यादि स्थापित करने की दिशा में भी त्वरित कार्य करें।


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