प्रशासन पगडि़यां पहनने में मग्न… देवता हो गए नाराज

By: Mar 22nd, 2018 12:05 am

छह साल बाद मेले में आए ममलेश्वर महादेव स्वागत न होने पर रूठे

सुंदरनगर – पारंपरिक सुकेत देवता मेले के शुभारंभ अवसर पर सुंदरनगर प्रशासन करसोग से आए मुख्य देवताओं का विधिवत स्वागत नहीं कर पाया। आजादी के बाद तीसरी बार और इस बार छह साल बाद मेले में आए देवाधिदेव ममलेश्वर महादेव प्रचंड हो गए। उनके पूजन के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं की गई। इसका नतीजा यह हुआ कि शुकदेव गुफा से जलेब के रवाना होने से पहले नाग धमूनी के मुख्य गूर प्रचंड हो गए। देवता ने गुर के माध्यम से बताया कि मैं वापस करसोग जा रहा हूं, क्योंकि जिस प्रशासन ने मुझे बुलाया है, उसने मेरा स्वागत तक नहीं किया। तत्पश्चात महामाया के पुजारी आचार्य रोशन द्वारा प्रशासन की ओर से बार-बार क्षमा याचना की गई। सुंदरनगर प्रशासन पगड़ी पहनने में ही मस्त रहा और मुख्यातिथि की राह देखता रहा। प्रशासन के लिए मुख्यातिथि देवताओं से श्रेष्ठ हो गए और वहीं व्यवस्था चरमरा गई। इतने में आजादी के बाद तीसरी बार और इस बार छह साल बाद मेला में आए देवाधिदेव ममलेश्वर महादेव प्रचंड हो गए। उनके स्वागत के लिए भी प्रशासन की ओर से कोई उनके स्वागत के लिए नहीं गया।

शिव के आगे नहीं चला किसी का जोर

देवाधिदेव ममलेश्वर महादेव के आने से पहले ही जलेब निकाल दी गई। इससे खफा देवाधिदेव ममलेश्वर महादेव ने अपने यशोबल से राजराजेश्वरी देवी सुमित्रा महामाया के साथ अपने बजीरों संग स्थान लिया और जलेब में राजराजेश्वरी देवी सुमित्रा महामाया के साथ सबसे अग्रणी रहे।


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