अब बिल्डरों को टीसीपी एक्ट में पंजीकरण से छूट

By: Apr 4th, 2018 12:02 am

सदन में विधेयक लाई  जयराम सरकार

 शिमला— प्रदेश में कालोनियों का निर्माण करने वाले बिल्डरों को अब नगर नियोजन एक्ट में पंजीकरण नहीं करवाना होगा। बड़े बिल्डरों को खासकर यह सुविधा होगी। प्रदेश में भारत सरकार के नए एक्ट के नियम ही लागू होंगे, जिनमें बिल्डरों का पंजीकरण आवश्यक होगा। मंगलवार को विधानसभा में इस संबंध में सरकार एक विधेयक लाई है। इसके तहत केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित  भू संपदा विनियमन और विकास अधिनियम 2016 (रेरा) को यहां पर लागू किया जाएगा। इसके तहत हिमाचल प्रदेश में बिल्डर पहले नगर नियोजन कानून के तहत पंजीकृत होते थे। ऐसे बिल्डर, जो कि बड़ी कालोनियों का निर्माण करते हैं, उन्हें केंद्र सरकार के रेरा एक्ट में पंजीकरण करवाना होगा। इन बिल्डरों को प्रदेश के नगर नियोजन कानून में पंजीकरण नहीं करवाना होगा, जिससे सरकार उन्हें छूट दे रही है। पहले प्रदेश में यह नियम था कि आठ फ्लैट से ऊपर बनाने वाले बिल्डरों को नगर  नियोजन कानून में पंजीकरण करवाना पड़ता था।  विधेयक सदन में नगर नियोजन मंत्री सरवीण चौधरी ने पेश किया, जिस पर अभी चर्चा होनी है। इस विधेयक के अनुसार बिल्डरों को दो जगहों पर पंजीकरण नहीं करवाना होगा, जिससे उन्हें राहत मिलेगी।

मंदिर आयुक्तों की शक्तियां बढ़ेंगी

शिमला— प्रदेश में मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को रोकने और मंदिर कमेटी के आयुक्तों को ऐसे मामलों पर कार्रवाई की शक्तियां देने के लिए सरकार सदन में संशोधित विधेयक लाई है। मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश हिंदू सार्वजनिक धार्मिक संस्था ओर पूर्व विन्यास अधिनियम, 1984 में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया। इससे पहले सरकार इस मामले को लेकर एक अध्यादेश लाई थी क्योंकि तब विधानसभा का सत्र नजदीक नहीं था। यह अध्यादेश 11 अक्तूबर, 2017 को प्रकाशित किया गया था, अब इसके स्थान पर नियमित विधान लाया जा रहा है। इसके तहत मंदिर न्यासों की भूमि और परिसरों पर अतिक्रमण को रोकने के लिए आयुक्त मंदिर कमेटी को शक्तियां प्रदान की जाएंगी।  इन शक्तियों को देने से मंदिरों की जमीन पर अतिक्रमण को तुरंत हटाया जा सकेगा। पेश किए गए विधेयक में कहा गया है कि मंदिर ट्रस्टों की जमीन पर ऐसे मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इसके साथ ये विधेयक आवारा पशुओं को आश्रय देने व उसकी उचित देखभाल करने के लिए भी मंदिर ट्रस्टों को समर्थ बनाएगा। गोसदनों के निर्माण, रखरखाव और उनको स्तरोन्नत करने के लिए 15 प्रतिशत तक की प्राप्तियों को चिन्हित करने के लिए भी यह विधेयक प्रावधान करेगा। इस संबंध में हाल ही में बजट में एक घोषणा भी सरकार ने की है। बुधवार को यह विधेयक पारित करने के लिए लाया जाएगा।


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