आईजीएमसी-टीएमसी में खाली पद तुरंत भरें
शिमला— प्रदेश के प्रीमियर स्वास्थ्य संस्थान आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कालेज में अब स्टाफ की कमी नहीं रहेगी। अन्य स्वास्थ्य संस्थानों से अलग इन दोनों मेडिकल कालेज एवं अस्पतालों में सरकार उसकी जरूरत के हिसाब से खाली पदों को भरने की तैयारी में है। सरकार ने विशेष तौर पर निर्देश दिए हैं कि इन दोनों अस्पतालों में पैरामेडिकल स्टाफ और डाक्टरों की नियुक्तियों को तरजीह दी जाए। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग को मुख्यमंत्री के निर्देश हुए हैं, जिसमें कहा गया है कि डाक्टरों की कमी को पूरा करने के लिए वॉक इन इंटरव्यू से अलग लोकसेवा आयोग व कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से भी पदों को भरा जाए। कुछ समय से स्वास्थ्य विभाग वॉक इन इंटरव्यू से ही इनकी भर्ती कर रहा था, केवल पैरामेडिकल में ही चयन आयोग का सहारा लिया जा रहा था, जिनको भी रफ्तार बढ़ाने के लिए कहा गया है। दोनों अस्पतालों में उनकी बिस्तर क्षमता से अधिक बेड हैं, लेकिन स्टाफ उस हिसाब से नहीं है। इस कारण से दोनों अस्पतालों में स्टाफ की कमी पेश आ रही है। क्योंकि वहां पर स्वीकृत पदों की संख्या ही कम है तो कमी होनी भी जायज है, जिसके लिए अब सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इस सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से चर्चा की है। परमार ने मुख्यमंत्री से आईजीएमसी तथा टीएमसी में पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पदों को भरने के मुद्दे पर चर्चा की है। दोनों कालेजों में डाक्टरों के अलावा पैरामेडिकल स्टाफ के खाली पदों के चलते उपचार को आने वाले रोगियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
टांडा कालेज में पौने दो सौ पोस्ट वेकेंट
स्वास्थ्य विभाग में स्वीकृत 22 हजार पदों में से नौ हजार के करीब पद खाली हैं। टांडा में पौने दो सौ पद खाली हैं। टांडा में तो स्टाफ व डॉक्टरों की कमी की वजह से कैंसर रोगियों के उपचार को आई करोड़ों की मशीन बेकार पड़ी है। मेंटल हैल्थ, स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ तथा रेडियोलॉजी विभाग में रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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