कुर्सी के सहारे पहुंच रहे अस्पताल

By: Apr 27th, 2018 12:05 am

सड़क सुविधा से महरूम नोहांडा पंचायत के लोग झेल रहे परेशानी

कुल्लू – जिला कुल्लू की नोहांडा पंचायत के लोगों की जिंदगी कुर्सी के सहारे है। कुर्सी यहां के लोगों के लिए जीवनदायनी बनीं हुई है। सूबे में आने-जाने वाली सरकारें  व यहां के स्थानीय राजनेताओं के आजादी के इतने दशकों बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों के दर्द को जान नहीं पाए हैं। सड़क सुविधा से गांव कोसों दूर है। गुशैणी से पांच से आठ  किलोमीटर दूर पड़ते हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कुल्लू दौरे पर आ रहे हैं। ऐसे में नोहांडा के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से यहां का दर्द को जानकर सड़क सुविधा से जोड़ने की मांग की है। बता दें कि ग्राम पंचायत नोहांड़ा के गांव शुंगचा, दारन, खरूंगचा, डिंगचा, लझेरी, झनियार, तिंदर, कौंचा, लाकचा, घाट, नाही, बाईटी, शलिंगा, टलिंगा, ब्रेलंगा, नड हर आदि गांव के लोगों को आजादी के इतने दशकों बीत जाने के बाद भी पीठ और कुर्सी के सहारे जिंदगी व्यतीत करनी पड़ रही है। सड़क सुविधा न होने के कारण लोगों को अपनी पीठ पर सामान ढोना पड़ रहा है। वहीं, स्कूलके विद्यार्थियों को हर दिन पांच से आठ किलोमीटर यानी एक से तीन घंटे तक पैदल चलना पड़ रहा है। सबसे बड़ी मुश्किल तो तब हो जाती है, जब गांव में कोई बीमार हो जाता है। मरीज को कुर्सी व चारपाई में उठाकर पहाड़ी की पग डंडियों वाले रास्तों से होकर सड़क तक पहुंचाना पड़ता है। नोहांडा  पंचायत निवासी किशोरी लाल, टेक चंद, रूप चंद, रमेश कुमार, राजू डोगरा, कर्म सिंह, नवल किशोर, देवराज, दूले सिंह, मेहर सिंह, भीमे राम, चरन सिंह,  तिलक राज व भीमा देवी आदि का कहना है कि ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर कई बार विभागीय अधिकारियों के साथ राजनेताओं से मिल चुके है, लेकिन इन्हें आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। बता दें कि पंचायत के गांवों के लिए पीठ के सहारे से खाद्य सामग्री पहुंचाई जाती है। कई मरीज रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं। इस बार कुल्लू दौरे पर पहली बार आ रहे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से नोहांडा ही नहीं, बल्कि जिला के ग्रामीणों क्षेत्रों के लोगों को उनके गांव सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए बड़ी घोषणा करने की उम्मीद हैं। प्रदेश में जहां इस बार जयराम सरकार बनी है। वहीं, बंजार को भी पूर्व विधायक दिले राम शबाव के बाद कई  मुद्दतों बाद स्थानीय युवा विधायक मिला है। अब नए मुख्यमंत्री और विधायक बंजार के दुर्गम गांवों की दशा को सुधारने में कितने कामयाव हो सकते हैं, यह वक्त ही बताएगा। लिहाजा, इस बार ग्रामीणों को सड़क की आस जगी हुई है।  बता दें कि शालिंगा गुशैणी से पांच किलोमीटर की दूर पर पड़ता है। बीते दिन चमन लाल बीमार हुए और उन्हें कुर्सी के सहारे पगडंडी वाले रास्ते से ग्रामीणों ने सड़क तक पहुंचाया। वहीं, खरूंगचा के बेली राम भी बीमार हुए और उन्हें भी आठ किलोमीटर दो डंडे बांधकर सड़क तक पहुंचाया गया।

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