कैसे कुचला जा रहा मासूम बचपन
दिल्ली से आए कलाकार लक्ष्मी प्रसाद ने फूल को कैनवास पर उतारा रेप का सच
शिमला – देश व प्रदेश में बढ़ रहे चाइल्ड रेप को देखते हुए एक युवा कलाकार ने अपने चित्रकला के करियर में इसे एक थीम दे दिया। कैनवास पर मासूमों के साथ हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए पेंटिंग के माध्यम से उसे दर्शाकर समाज के उस तबके को दिखाने का प्रयास कर रहे हैं, जो महिलाओं को बुरी नजर से देखते हैं। दिल्ली से आए लक्ष्मी प्रसाद चित्रकला के क्षेत्र में कई अवार्ड भी हासिल कर चुके हैं। वहीं एक बार उन्हें देश में महिलाओं के साथ हो रहे दुष्कर्म पर बनाई गई एक पेंटिंग में अवार्ड भी मिल चुका है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली से आए लक्ष्मी प्रसाद कलाकार शिमला में भाषा संस्कृति विभाग की ओर से आयोजित राज्य स्तरीय आर्ट फेस्टिवल में भाग ले रहे हैं। शिमला में भी उन्होंने बड़ी आकर्षक पेंटिंग कैनवास पर उतारी है। पेंटिंग में सुंदर और अद्भुत तरीके से बताया गया है कि मासूम नन्हीं बच्ची कमल के फूल की तरह होती है, तो वहीं उस कमल के आसपास जिस तरह से कांटे व जाल ने घेरा होता है, उसी तरह पैदा होते ही मासूम नन्ही कली के जन्म लेते ही समाज की रूढ़ीवादी सोच और समाज का बुरा तबका मासूमों को इस धरती पर जीना दूभर कर देता है। युवा चित्रकार लक्ष्मी प्रसाद का कहना है कि इस पेंटिंग के जरिए वह एक ऐसी पहल करना चाहते हैं, जिससे लोगों को महिलाओं के साथ हो रहे दुष्प्रभाव को रोका जा सके और लोगों को इसके बारे में जागरूक किया जा सके। उन्होंने कहा कि देश हो या प्रदेश आज के समय में नाबालिगो के साथ रेप केस ज्यादा बढ़ रहे हैं।
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