गोल्ड कोस्ट में दंगल-2

By: Apr 13th, 2018 12:05 am

महावीर फोगाट नहीं देख पाए बेटी बबीता का मुकाबला

गोल्ड कोस्ट— गोल्ड कोस्ट में महावीर फोगाट को कमरे में बंद करने के लिए कोई असंतुष्ट कोच नहीं था, जैसा की फिल्म ‘दंगल’ में दिखाया गया है, लेकिन तब भी वह अपनी बेटी बबिता का राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने तक के अभियान के साक्षी नहीं बन पाए, क्योंकि वह मुकाबला स्थल तक पहुंचने का टिकट हासिल नहीं कर पाए। इस दिग्गज कोच, जिनकी जीवनी पर फिल्म ‘दंगल’ बनी है, यहां मौजूदा चैंपियन बबिता (53 किग्रा) का मुकाबला देखने के लिए आए थे, लेकिन जब उनकी बिटिया करारा स्पोर्ट्स एंड लीजर सेंटर में अपना मुकाबला लड़ रही थी, तब उन्हें बाहर इंतजार करना पड़ा। कॉमनवैल्थ गेम्स में 53 किग्रा वर्ग में सिल्वर जीतने वाली बबीता पिता के लिए एक दिन पहले से टिकट मांग रही थीं, लेकिन भारतीय दल से उन्हें कोई मदद नहीं मिली। नतीजा यह रहा कि महावीर फोगाट दिनभर टिकट के इंतजार में स्टेडियम के बाहर खड़े रहे। बबीता ने आस्ट्रेलियाई एथलीटों से मदद मांगी और उनके पिता को मुकाबले के बाद एंट्री मिल पाई। सिल्वर जीतने के बाद रुंधे गले से बबीता ने कहा कि मेरे पिता पहली बार मेरा बाउट देखने यहां आए थे। मुझे दुख है कि वे यहां दिनभर थे, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया। उधर, गोल्डकोस्ट कॉमनवैल्थ गेम्स में भारतीय दल के मिशन प्रमुख विक्रम सिसोदिया ने बबीता के आरोपों पर कहा कि हमें कॉमनवैल्थ गेम्स फेडरेशन से टिकट मिले थे, जो हमने संबंधित खेलों के कोच तक पहुंचा दिए थे। हमने पांच टिकट रेसलिंग के मैच के लिए उनके कोच राजीव तोमर को दिए थे।

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