चंडीगढ़ की पार्किंग पर बवाल

By: Apr 7th, 2018 12:02 am

चंडीगढ़— चंडीगढ़ नगर निगम में जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के बीच शहर में पार्किंग की दरें बढ़ाने के मुद्दे पर बवाल बढ़ता जा रहा है। जहां निगमायुक्त ने पार्किंग स्थलों के निरीक्षण के लिए पांच टीमों का गठन किया था, वहीं शुक्रवार को महापौर देवेश मोदगिल ने निगम की वित्त एवं अनुबंध कमेटी की सदस्य  राजबाला मलिक के नेतृत्व में कमेटी के सभी सदस्यों को शहर में मैसर्स आर्य टोल इन्फ्रा लिमिटेड द्वारा प्रबंधित पार्किंग स्थलों के निरीक्षण का काम सौंप दिया। निगम के अधिकारियों ने महापौर को अंधेरे में रखकर पार्किंग स्थलों का संचालन करने वाली कंपनी को पहली अप्रैल से शहर में पार्किंग की दरें बढ़ाने की अनुमति दे दी थी। इस संबंध में महापौर चंडीगढ़ के प्रशासक से भी मिले थे। निगम के महापौर और चंडीगढ़ प्रशासन के सीपीसी एडवोकेट अजय जग्गा ने जब प्रशासक को शिकायत की तो दबाव में आकर टीमें बना दी गई हैं। दोनों की टीमें निरीक्षण के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट बनाएंगी, जिसमें पार्किंग स्थलों में ठेकेदार द्वारा करारनामे के अनुरूप प्रदान की जा रही सुविधाओं की जानकारी देंगे। वित्त एवं अनुबंध कमेटी के अन्य सदस्य हैं अनिल दुबे, हीरा नेगी, फार्मिला देवी सिंह और गुरबक्श रावत, जबकि निगमायुक्त की कमेटियों में सेक्टर-17 ई-पार्किंग एरिया को सब डिवीजन इंजीनियर अनुराग बिश्नोई, सेक्टर 8-9 और सेक्टर 16 शांति कुंज पार्किंग एरिया को सब-डिवीजन इंजीनियर अंकुर बंसल, सेक्टर-22 एरिया को सब डिवीजन इंजीनियर विनोद व्यास, सेक्टर 34-35 और 43 पार्किंग एरिया को सब डिवीजन इंजीनियर राम सिंह को निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। एलांटे मॉल, फन रिपब्लिक मॉल, टूरिस्ट बस पार्किंग और सुखना लेक पार्किंग के निरीक्षण का जिम्मा बलराज चितकारा को दिया गया था। ये सभी सब डिवीजन इंजीनियर निगम केबी एंड आर विभाग से हैं और इनके साथ टीम मेम एन्फोर्समेंट विभाग के इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं, जो पार्किंग एरिया को चैक करेंगे और रिपोर्ट निगमायुरक्त को सौंपेंगे। देश मोदगिल ने बताया कि  वह कमेटी की  इस रिपोर्ट को निगम सदन की अगली बैठक में पेश करेंगे। कमेटी से अनुरोध किया गया है कि वह अपनी रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर प्रस्तुत करें व हर हाल में  13 अप्रैल से पहले। महापौर ने कहा कि उन्होंने कमेटी से यह काम करने के लिए कहा है। रिपोर्ट के बाद सदन तय करेगा कि शहर में पार्किंग की दरें बढ़ाई जाएं या नहीं। निगमायुक्त द्वारा गठित कमेटियां भी यही काम करेंगी। महापौर से मुलाकात के बाद प्रशासक वीपी बदनौर ने निगमायुक्त को हिदायत दी कि इस मामले को गंभीरता से देखें। प्रशासक द्वारा आदेशों के बाद ही आयुक्त हरकत में आए और टीमों का गठन किया। ये पांच टीमें हर दूसरे दिन आयुक्त को रिपोर्ट सौंपेंगी वे भी फोटो के साथ।


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