पपीता 60, आम 120 रुपए किलो
ऊना —गर्मी के मौसम में फलों के दाम भी तपने लगे हैं। फलों में कीमत हो रहे ईजाफे के चलते बाजार से फल खरीदना हर किसी के लिए संभव नहीं दिख रहा है। फलों के दामों ने एक तरह से आसमान छू लिया है। जिसके चलते फलों के दाम आम आदमी की पहुंच से काफी दूर जा चुके हैं। लेकिन मनमानी कर रहे इन दुकानदारों पर भी चाबुक चलाने वाला कोई नहीं दिख रहा है। गर्मी के मौसम में जहां फलों की खूब बिक्री होती है। वहीं, इस दौरान दुकानदारों की भी मनमानी खूब दिखाई देती है। सब्जी मंडी से होलसेल दाम की अपेक्षा बाजार की दुकानों या फिर रेहड़ी वाले दुकानदार अपनी मनमर्जी से फलों के दाम निर्धारित किए हुए हैं। जिसके चलते फल खरीदना आम आदमी की पहुंच से दूर ही दिख रहा है। हालांकि इन दुकानदारों के लिए क्वालिटी के हिसाब के मुनाफा भी निर्धारित किया हुआ है। लेकिन मनमाने दाम निर्धारित कर खूब चांदी कूट रहे हैं। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। दुकानदारों की दुकानों पर कोई भी रेट लिस्ट नहीं दिखाई दे रही है। जिसके चलते फल खरीदने आने वाले लोगों को दुकानदार मनमाने दाम पर खरीददारी करवाने पर मजबूर कर रहे हैं। लेकिन यदि इन दुकानदारों द्वारा रेटल लिस्ट दुकान के बाहर लगाई जाए तो लोगों को कुछ राहत मिल सकती है। यहां बात यदि फलों के राजा आम की करें तो आम का होलसेल दाम 60 से 70 रुपये तक है। लेकिन बाजार में आम रकीब 120 रुपये किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है। पपीता के होलसेल दाम 25 से 30 रुपये हैं, बाजार में 60 रुपये, अंगूर बाजार में 120 रुपये, सेब 120 रुपये किलोग्राम, केला बाजार में 35 से 40 रुपये प्रति सैंकड़ा होलसेल दाम है। लेकिन बाजार में 60 रुपये दर्जन के हिसाब से केला बिक रहा है। उधर, इस बारे में मार्केटिंग कमेटी के सचिव सर्वजीत डोगरा ने कहा कि इस बारे में उचित कदम उठाए जाएंगे।
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