पेट्रोल-डीजल बचाना होगा

By: Apr 26th, 2018 12:05 am

राजेश कुमार चौहान, जालंधर

आजकल फिर से पेट्रोल और डीजल की कीमत में बढ़ौतरी की खबरें सुर्खियां बनी हैं। इनकी बढ़ती कीमत के लिए आखिर कौन जिम्मेदार है? सरकार की गलत नीतियां या फिर और कोई कारण। कोई समय था जब पेट्रोल और डीजल की कीमतों में एक वर्ष में मात्र दो या तीन बार मूल्य वृद्धि होती थी। लेकिन अब तो 15 दिनों या महीने-दो महीने बाद ही इनकी कीमतों में वृद्धि हो रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इतनी रफ्तार से वृद्धि होना कोई शुभ संकेत नहीं है, क्योंकि अगर ये कीमतें इसी रफ्तार से बढ़ती रहीं, तो वह दिन दूर नहीं है जब लोगों के लिए पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों को चलाना एक सपना ही रह जाएगा। इसी के साथ डीजल की कीमतों में वृद्धि के कारण रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली चीजों की कीमतों में भी बेहिसाब वृद्धि हो जाएगी। जिस कारण रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली चीजें भी आम आदमी की पहुंच से दूर हो जाएंगी। पेट्रोल और डीजल की कीमतों की वृद्धि को स्थिर करने के लिए तो हमारी सरकारें नाकाम ही दिख रही हैं। कुछ समस्याएं ऐसी भी होती हैं, जिन पर कुछ हद तक जागरूक होकर भी नियंत्रण किया जा सकता है। इन्हीं में से एक है पेट्रोल और डीजल के दामों में दिन-प्रतिदिन होती जा रही वृद्धि। अब वक्त आ गया है कि आम आदमी जागरूक होकर पेट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों का सही, जरूरत पड़ने पर ही प्रयोग करके इन संसाधनों को बचाने की कोशिश करे। दिन-प्रतिदिन वाहनों की संख्या में बेतहाशा बढ़ौतरी हो रही है, लेकिन पेट्रोल और डीजल का उत्पादन उस हिसाब से नहीं बढ़ रहा है, इनके मूल्यों में बढ़ौतरी का कारण यह भी है। इसी के साथ अगर आने वाली पीढ़ी के लिए पेट्रोल और डीजल जैसे वाहनों की सुविधा मुहैया करवानी है, तो इनकी संभाल और सही प्रयोग करना बहुत जरूरी है, नहीं तो पट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहन एक इतिहास बनकर ही रह जाएंगे। अतः अगर हमें भविष्य के लिए पेट्रोल और डीजल को बचा कर रखना है जो वर्तमान में इसका उचित प्रयोग करना होगा। तभी हम इस संकट से निजात पा सकते हैं। इस तरह के जनजागरण के लिए हर स्तर पर प्रयास हों।

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