फसल अवशेष न जलाने पर अभियान

By: Apr 12th, 2018 12:01 am

करनाल— केएस विर्क फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर जिला के कृषि विभाग ने एक विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इसके तहत दो प्रचार वाहन गांव-गांव जाकर किसानों को फसल अवशेष न जलाने के लिए जागरूक करेंगे। उपायुक्त डा. आदित्य दहिया ने उप कृषि निदेशक के कार्यालय से हरी झंड़ी दिखाकर वाहनों को रवाना किया। जो लाऊड स्पीकर के माध्यमों से गांव में जाकर फसल अवशेष जलाने के नुकसान, न जलाने के विकल्प एवं फायदे तथा दोषी व्यक्तियों के लिए जुर्माने और सजा के प्रावधान बारे जागरूक करेंगे। वाहन पर तीन साइडों में किसान भाईयों के लिए अपील लिखे फ्लैक्स बोर्ड भी लगाए गए हैं यह वाहन जिला के सभी गांवों को कवर करेंगे। इस अवसर पर उपायुक्त ने जानकारी दी कि फसल कटाई के बाद किसानों को खेतों में बचे अवशेष या  फानों को आग नहीं लगानी चाहिए। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके खिलाफ  कानूनी कार्रवाई की जाएगी। दोषी व्यक्ति को एकड़ के हिसाब से 2500 रुपए से लेकर 15 हजार तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यही नहीं एफ आईआर दर्ज होने के बाद छह महीने से एक साल की सजा का प्रावधान भी है। उन्होने कहा कि जिला के सभी गांव में ग्राम सचिव व पटवारी को जिम्मेदारी दी गई है कि वे ऐसा करने वाले की सूचना जिला प्रशासन को दें, ऐसी सूचना पुलिस कंट्रोल रूम से भी दी सकती है। उपायुक्त ने बताया कि फसल कटाई के बाद खेतों में बचे अवशेषों को न जलाया जाए। इसके कई ओर विकल्प भी हैं। अवशेषो को आधुनिक कृषि यंत्रों जैसे हैप्पी सीडर, मल्चर, रिवर्सिबल प्लो, स्ट्रा चोपर, स्ट्रा रिपर, रिपर बाइंडर तथा रोटावेटर से जमीन में ही दफ न कर सकते हैं। इससे खेतों को प्राकृतिक खाद भी मिल जाती है। इनके यंत्रो के प्रयोग और उपलब्धता के लिए किसान, कृषि विभाग या कृषि अधिकारी से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उप कृषि निदेशक प्रदीप मिल ने बताया कि फ सल अवशेष प्रबंधन के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रत्येक गांव में गोष्ठी का आयोजन जारी है। इसके अतिरिक्त तीन जिला स्तरीय किसान सम्मेलन तथा 13 खंड़ स्तरीय मेलों काआयोजन किया जा चुका है।

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