बहन से मिलने रवाना हुई बैरेवाली भगवती

By: Apr 15th, 2018 12:05 am

चंबा —सदियों पुरानी पंरपरा का निर्वाह करते हुए बैसाख माह की संक्राति को चुराह के देवीकोठी से बैरेवाली भगवती अपनी देवी बहन चामुंडा माता से मिलने के लिए चंबा को रवाना हुई। करीब पांच दिनों तक कई किलोमीटर के लंबे फासले को कारदारों संग पैदल तय करके बैरेवली भगवती चंबा अपनी बहन चामुंडा के पास पहुंचेंगी। अगले 15 दिनों तक बैरेवाली भगवती चंबा में बहन चामुंडा के पास रुकेगी। इस दौरान श्रद्धालु बैरेवाली भगवती को अपने घर आने का न्यौता देकर पूजा- अर्चना करेंगे। दो देवी बहनों के मिलन के अंतिम दिन चामुंडा माता मंदिर परिसर में जातर मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में हजारों की तादाद में श्रद्धालु उपस्थिति दर्ज करवाकर दो देवी बहनों के मिलन के गवाह बनेंगे। बैरेवाली भगवती के आगमन को लेकर चामुंडा माता मंदिर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। जानकारी के अनुसार चुराह के देवीकोठी से बैरेवाली भगवती हर वर्ष बसोअे की पिंदडी खाने के लिए अपनी देवी बहन चामुंडा माता के पास आती है। चामुंडा सेवा समिति के सदस्य बाकायदा देवीकोठी जाकर बैरेवाली भगवती का न्योता देते हैं। इस वर्ष भी न्योता मिलने पर बैसाख माह की संक्राति को बैरेवाली भगवती चंबा को रवाना हुई। बैरेवाली भगवती पांच दिन तक विभिन्न पडावों पर बैसाख माह की पांच तारीख 18 अप्रैल को चंबा नगर में प्रवेश करेगी। इसके बाद आगामी 15 दिनों तक बैरेवाली भगवती चंबा में ही रुकेगी। दो देवी बहनों के मिलन के अंतिम दिन आयोजित होने वाले जातर मेले में माता के गुर कांपकर पूछ देंगे। इसके बाद अगल वर्ष मिलने का वादा करके बैरेवाली भगवती वापस अपने मूल निवास स्थान देवीकोठी को रवाना हो जाएगी।मान्यता है कि बैरेवाली भगवती के चंबा अपनी बहन चामुंडा के पास पहुंचने पर तेज हवाओं के साथ बारिश होती है। दो देवी बहनों के मिलन पर इंद्रदेव भी अपनी हाजिरी भरते हैं। इस चमत्कार को चंबा जनपद सदियों से सलाम ठोंकता आ रहा है। चंबा जनपद में दो देवी बहनों के मिलन पर होने वाले जातर मेले का खासा महत्त्व रहता है।

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