मनोरोगियों को सहारा देगी सरकार

By: Apr 7th, 2018 12:50 am

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोले, शिमला पुनर्वास केंद्र के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर करेंगे विचार

शिमला— मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े सामाजिक लांछन को समाज से समाप्त करना इस रोग से जुड़ी बड़ी चुनौती है। इसके लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपना योगदान देना होगा। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शुक्रवार को गेयटी थियेटर में परफोर्मेंस ग्रुप ऑफ आर्ट्स सोसायटी द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के सहयोग से गेयटी थियेटर में आयोजित कार्यक्रम के अवसर पर कही। जयराम ठाकुर ने कहा कि कभी-कभी मानसिक रोग के पुनर्वास में सबसे बड़ी बाधा उनके ही स्वजनों द्वारा उन्हें स्वीकार न किया जाना है। उन्होंने कहा कि सरकार मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास केंद्र शिमला के विस्तार और सुदृढ़ीकरण पर भी विचार करेगी, ताकि जरूरतमंद व्यक्तियों को आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल और पुनर्वास सेवाएं उपलब्ध करवाई जा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मानसिक स्वास्थ्य और पुनर्वास केंद्र शिमला में रह रही उत्तर प्रदेश के अमेठी और कर्नाटक से संबंध रखने वाली दो महिलाओं का पुनर्वास करने और सौंपने का मामला उचित स्तर पर उठाएगी। उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि प्रयास संस्था मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के कल्याण के प्रति मिशनरी उत्साह के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि कई बार जब अपने परिवार के सदस्य भी मानसिक रूप से अस्वस्थ लोगों के पुनर्वास से बचने लगते हैं, तब कोई व्यक्ति, कोई संस्था उनके पुनर्वास के लिए आगे आती है, ताकि ये लोग सामान्य जीवन जी सकें। संस्था द्वारा प्रदान की जा रही परोपकारी सेवाओं की प्रशंसा करते हुए जयराम ठाकुर ने कहा कि मानसिक रोग से जुड़े सामाजिक लांछन की वजह से लोग प्रारंभिक अवस्था में इस बीमारी को छिपाते हैं, जिससे स्थिति और विकट हो जाती है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस तरह के लोगों के इलाज और पुनर्वास के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर स्मारिका का भी विमोचन किया।

बजट में हर वर्ग को तरजीह

शिमला — मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार का प्रथम बजट सत्र शानदार ढंग से संपन्न हुआ। इस बजट सत्र में पारित बजट प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगा। ये शब्द भाजपा प्रदेश प्रवक्ता शशि दत्त ने कहे। उन्होंने कहा कि बजट में हर वर्ग को तरजीह दी गई है और बजट से प्रदेश का हर वर्ग खुश है। कृषि, बागबानी, युवा, सिंचाई की नई तकनीक सौर पंपों से सिंचाई के लिए पांच वर्षों में 200 करोड़ खर्च करने का प्रावधान, 2018-19 के लिए जैविक खेती व किसानों को उपकरण उपलब्ध करवाने के लिए 25 करोड़ खर्च किए जाएंगे।


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