मर्जी के शिक्षक नहीं रख सकेगी एचपीयू

By: Apr 19th, 2018 12:02 am

शिमला — प्रदेश विश्ववविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती अब यूजीसी के नई रोस्टर प्रणाली के तहत होगी। इसके लिए रोस्टर एमएचआरडी के तय नियमों यानी भारत सरकार के नियमों के तहत ही बनाने की प्रक्रिया विश्वविद्यालय ने शुरू कर दी है। रोस्टर के लिए जो अधिसूचना यूजीसी की ओर से जारी की गई थी, उसे विश्वविद्यालय ने भी जारी कर दिया है। रोस्टर के लिए विभागों से शिक्षकों के पदों की पहले पूरी डिटेल बनाई जाएगी, उसके बाद यूजीसी को भेजी जाएगी, जिसके बाद ही शिक्षकों की भर्ती होगी। अभी सिर्फ विवि प्रशासन असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए ही विभागों से डिटेल लेता था, जबकि अब एसोसिएट व प्रोफेसर के पदों के लिए ये नियम लागू होंगे। रोस्टर लागू होने से विवि प्रशासन अपने तरीके से किसी भी शिक्षक को तैनात नहीं कर पाएगा, यूजीसी से मंजूरी लेना अनिवार्य किया गया है। नए रोस्टर में खास बात यह है कि अलग-अलग विभागों के लिए विषयवार रोस्टर बनाया जाएगा। इसके तहत प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर की भर्ती में यह रोस्टर लागू किया जाएगा। यूजीसी की ओर से शिक्षकों की भर्ती के लिए नया रोस्टर सिस्टम के तहत रोस्टर विषय और विभाग के अनुसार तय शिक्षकों की पदों पर लागू किया जाएगा। हर विषय और विभाग में रिक्त पदों पर रोस्टर लागू होगा। अभी तक यह रोस्टर विषय और विभाग के अनुसार नहीं था, लेकिन अब नए नियमों के तहत इसे इस आधार पर तैयार किया जाएगा। यूजीसी ने रोस्टर लागू करने के लिए विश्वविद्यालय को एक महीने का समय दिया गया है। अब मर्जी के शिक्षक तैनात नहीं किए जा सकेंगे।

आरक्षित सीटों पर संकट

इस नए रोस्टर नियमों के तहत उन विभागों में आरक्षित वर्ग की सीटें कम होने का संकट आ गया है, जहां शिक्षकों के पद काफी कम हैं। विवि के कई ऐसे छोटे विभाग हैं, जहां तीन से कम पद शिक्षकों के हैं। यह सिर्फ अब जनरल कोटे से ही भरी जाएंगी, क्योंकि इस रोस्टर में साफ है कि कम सीटें होने से उसमें आरक्षण लागू नहीं होगा। ऐसे में विवि में भी नई रोस्टर प्रणाली का असर होगा।

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