रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में कितना काम
सरकार ने टीएमसी प्रशासन से मांगी विभाग में वर्कलोड की रिपोर्ट
टीएमसी – सीमित संसाधनों में रोजाना सैकड़ों लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने वाले डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट से सरकार ने वर्कलोड की डिटेल मांगी है। रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में स्टाफ के अलावा इन्फ्रास्ट्रक्चर की भी काफी कमी है। जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में फैकल्टी स्टाफ (प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर) के दो पद खाली चल रहे हैं। इसके अलावा टेक्नीशियन स्टाफ में 10 लोगों की कमी है। क्लेरिकल स्टाफ का भी अभाव है। लगभग छह जिलों के मरीजों को कवर करने वाले टीएमसी अस्पताल में एक्स-रे करने के लिए सिर्फ एक डिजिटल मशीन है, जिससे रोजाना 400 से 500 एक्स-रे किए जा रहे हैं। हालांकि दो मशीनें और हैं, जिन्हें डिजिटल में कन्वर्ट करवाने के लिए काफी समय से टेंडर किए गए हैं, लेकिन अभी तक उस दिशा में कोई काम नहीं हुआ है। एमआरआई की बात करें तो यहां एक मशीन है, जिससे रोजाना आठ से 10 एमआरआई होते हैं, लेकिन गर्मियों की दस्तक के साथ ही एसी हांफने लगा है तो मशीन भी बीच रास्ते में साथ छोड़ने लगी है। अस्पताल में एक सीटी स्कैन मशीन है, जिससे रोजाना 40 से 50 सीटी स्कैन किए जाते हैं। सबसे बुरा हाल अस्पताल की तीन अल्ट्रासाउंड मशीनों का है। ये मशीनें आउटडेटेड हो चुकी हैं, जो 12 साल पुरानी हैं। मंगलवार को टीएमसी के रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट में छोटे बच्चों के एमआरआई किए जाने थे, लेकिन एसी में आई खराबी के कारण छह बच्चों के एमआरआई के बाद इसे रोकना पड़ा। सूत्रों की मानें तो हर बार गर्मियों में ऐसा ही हाल होता है। टीएमसी में रेडियोलॉजी डिपार्टमेंट को ग्राउंड फ्लोर में रखा गया है। यहां सबसे बड़ी दिक्कत मोबाइल सिग्नल की है। चाहे सिग्नल किसी भी कंपनी का हो, यहां नहीं मिलता। इससे न केवल मरीजों को दिक्कत होती है, बल्कि स्टाफ को भी परेशानियों से जूझना पड़ता है।
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