शिमला में निजी स्कूलों से हारा प्रशासन
शिमला —राजधानी शिमला में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ गठित छात्र अभिभावक मंच ने अब जिला प्रशासन के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है। मंच का आरोप है कि प्राइवेट स्कूलों की लूट पर शिमला जिला प्रशासन संवेदनशील नहीं है। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने जिला प्रशासन की संवेदनहीनता की कड़ी निंदा की है। मंच ने जिला प्रशासन पर आरोप लगाया है कि वह प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। मंच ने चेतावनी दी है कि जिला प्रशासन अभिभावकों के आन्दोलन को कम आंक कर इसे हल्के में न ले व प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाए। मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने जिला प्रशासन को चेताया है कि अगर उसने शीघ्र ही शिक्षा का अधिकार कानून 2006 व सीबीएसई गाइडलाइनज़ 2005 को लागू करने के लिए कोई उचित पहलकदमी न की तो मंच डीसी आफिस व प्रदेश सरकार सचिवालय के बाहर 24 घंटे के महापड़ाव को अंजाम देगा। जरूरत पड़ने पर आंदोलन और तेज होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ शिमला जिला प्रशासन अभिभावकों के आंदोलन के बावजूद जागने को तैयार नहीं है वहीं दूसरी और मंडी जिला प्रशासन ने स्वयं ही संज्ञान लेकर मंडी जिला के सभी प्राइवेट स्कूलों का रिकॉर्ड तलब करके पूछा है कि उन प्राइवेट स्कूलों में शिक्षा के अधिकार कानून की कितनी पालना हो रही है। उन्होंने कहा है कि शिमला जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली से अभिभावकों में भारी रोष है। यह रोष आंदोलन के और तेज होने के रूप में फूटेगा। उन्होंने कहा है कि छात्र अभिभावक मंच प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए रेगुलेटरी एक्ट लेन की मांग को लेकर शीघ्र ही मुख्यमंत्री से मिलेगा व उन्हें ज्ञापन सौंपेगा। उन्होंने एक बार पुनः शिक्षा मंत्री से अपील की है कि वह प्राइवेट स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं व जन सम्मत कानून बनाएं।
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